Saturday, September 14, 2013

भारत की पहचान है हिंदी

भारत की पहचान है हिंदी
हर दिल का सम्मान है हिंदी

जन जन की है मोहिनी भाषा
समरसता की खान है हिंदी

छन्दों के रस में भीगी ,ये
गीत गजल की शान है हिंदी

ढल जाती भावो में ऐसे
कविता का सोपान है हिंदी

शब्दों  का अनमोल है सागर
सब कवियों की जान है हिंदी

सात सुरों का है ये संगम
मीठा सा मधुपान  है हिंदी

क्षुधा ह्रदय  की मिट जाती है
देवों का वरदान  है  हिंदी

वेदों की गाथा है समाहित
संस्कृति की धनवान है हिंदी

गौरवशाली भाषा है यह
भाषाओं का ज्ञान है हिंदी

भारत के  जो रहने वाले  
उन सबका अभिमान है हिंदी।
--- शशि पुरवार


14 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - रविवार - 15/09/2013 को
    भारत की पहचान है हिंदी - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः18 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra





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  2. वेदों की गाथा है समाहित
    संस्कृति की धनवान है हिंदी ..

    बहुत ही सुंदरता से हिंदी की विविधता को लिखा है आपने ...
    बधाई हिंदी दिवस की ...

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  3. बहुत ही बेहतरीन और सार्थक प्रस्तुती,धन्यबाद।

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  4. नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (15-09-2013) के चर्चामंच - 1369 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  5. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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  6. भारत की पहचान है हिंदी
    भारत की पहचान है हिंदी
    हर दिल का सम्मान है हिंदी

    जन जन की है मोहिनी भाषा
    समरसता की खान है हिंदी

    छन्दों के रस में भीगी ,ये
    गीत गजल की शान है हिंदी

    ढल जाती भावो में ऐसे
    कविता का सोपान है हिंदी

    शब्दों का अनमोल है सागर


    सब कवियों की जान है हिंदी

    सात सुरों का है ये संगम
    मीठा सा मधुपान है हिंदी

    क्षुधा ह्रदय की मिट जाती है
    देवों का वरदान है हिंदी

    वेदों की गाथा है समाहित
    संस्कृति की धनवान है हिंदी

    गौरवशाली भाषा है यह
    भाषाओं का ज्ञान है हिंदी

    भारत के जो रहने वाले
    उन सबका अभिमान है हिंदी।
    --- शशि पुरवार


    सूर और तुलसी का मानस '

    मीरा की खड़ - ताल है हिंदी ,

    बेहतरीन दोहे हिंदी प्रेम दिवस पर।

    ReplyDelete
  7. बड़े जतन से लाये हैं चर्चा अरुण अनंत ,

    सगरे सेतु बांचते हिंदी कथा अनंत।

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  8. बहुत सुन्दर भाषा
    सुन्दर प्रस्तुति

    जंगल की डेमोक्रेसी

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