Thursday, November 7, 2013

बाल साहित्य

जीवन में कुछ बनना है ,तो
लिखना पढना जरुरी है

रोज नियम से अभ्यास करो
मन लगाकर ही पढना
गर्मी की छुट्टी आये ,तब
खूब धमाल करना
न मेहनत से जी चुराओ
ज्ञान लेना भी जरुरी है .


झूठ कभी मत बोलना , तुम
सच्चाई का थामो हाथ
नेक राहों पर चलने से ,बड़ो
का मिलता है ,आशीर्वाद 
अच्छी अच्छी बाते सीखो
अच्छी संगति  जरुरी है .

वृक्षों को  तुम मत काटना
हरियाली भी बचानी है
पेड़ों से ही हमको मिलता
अन्न ,दाना -पानी है
प्रदूषण को मिलकर मिटाओ
पेड  लगाना  भी जरुरी है

देश के तुम हो भावी प्रणेता
राहों में आगे बढ़ना
मुश्किलें कितनी भी आयें
हिम्मत से डटे रहना
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना
चैनो -अमन भी जरुरी है
-------- शशि पुरवार
२८/ ९/ १३

नवम्बर २०१३ के बाल  साहित्य विशेषांक  के अंक में प्रकाशित मेरी रचना  -- पाखी कविता के अंतर्गत   अभिनव इमरोज पत्रिका , पंजाब

14 comments:

  1. हमने भी सभी बातें माँ लीं.....दुबारा सीख ले डाली :-)
    सुन्दर रचना...
    बधाई शशि
    अनु

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  2. http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ अंक ४१ शुक्रवारीय चर्चा में आपकी रचना को शामिल किया गया हैं कृपया अवलोकन हेतु अवश्य पधारे ..आभार आपका

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार को (08-11-2013) "मेरा रूप" (चर्चा मंच 1423) "मयंक का कोना" पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. सुंदर बाल कविता के लिए बहुत बहुत बधाई। आगे बढ्ते रहने की शुभ कामनाएँ।

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  5. देश के तुम हो भावी प्रणेता
    राहों में आगे बढ़ना
    मुश्किलें कितनी भी आयें
    हिम्मत से डटे रहना
    भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना
    चैनो -अमन भी जरुरी है
    bahut sunder bal kavita
    badhai
    rachana

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  6. कल 14/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

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  7. सुन्दर रचनात्मक लेखन।

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  8. बहुत प्रेरक बाल गीत....बहुत सुन्दर

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