Saturday, March 5, 2016

" जिंदगी हमसे मिली रेलगाड़ी में "



जिंदगी हमसे मिली थी
रेलगाड़ी में 
बोझ काँधे पर उठाये 
क्षीण साडी में. 

कोच में फैला हुआ 
कचरा उठाती  है 
हेय  नजरें  झिड़कियां  
दुत्कार पाती है.
पट हृदय के बंद है इस 
मालगाड़ी में 
तन थकित, उलझी लटें 
कुछ पोपला मुखड़ा 
झुर्रियों ने लिख दिया 
संघर्ष  का  दुखड़ा 
उम्र भी छलने लगी 
बेजान खाड़ी में 

आँख पथराई , उदर की 
आग जलती है 
मंजिलों से बेखबर 
बदजात चलती है 
जिंदगी दम तोड़ती 
गुमनाम झाडी में. 

-- शशि पुरवार 
 

11 comments:

  1. वाह ... बहुत ही सुन्दर नवगीत है ... नए अंदाज का ...

    ReplyDelete
  2. Looking to publish Online Books, in Ebook and paperback version, publish book with best
    self publisher India

    ReplyDelete
  3. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (06-03-2016) को "ख़्वाब और ख़याल-फागुन आया रे" (चर्चा अंक-2273) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  4. सुन्दर प्रस्तुति

    ReplyDelete
  5. बहुत ही सुन्दर रचना...

    ReplyDelete
  6. बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन प्रस्तुति, महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  7. संग्रह योग्य........ dhnyawad aapko

    ReplyDelete
  8. आपने लिखा...
    कुछ लोगों ने ही पढ़ा...
    हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें...
    इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना दिनांक 11/03/2016 को पांच लिंकों का आनंद के
    अंक 238 पर लिंक की गयी है.... आप भी आयेगा.... प्रस्तुति पर टिप्पणियों का इंतजार रहेगा।

    ReplyDelete
  9. ये कठोर निर्मम सच हमेशा नजर को चुभती रहती है.. बेशक उम्दा पोस्ट.

    ReplyDelete

आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए अनमोल है। हमें अपने विचारों से अवगत कराएं। सविनय निवेदन है --शशि पुरवार

आपके ब्लॉग तक आने के लिए कृपया अपने ब्लॉग का लिंक भी साथ में पोस्ट करें
.



समीक्षा -- है न -

  शशि पुरवार  Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा  है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह  जिसमें प्रेम के विविध रं...

https://sapne-shashi.blogspot.com/

linkwith

http://sapne-shashi.blogspot.com