शांत जल में आया है
कैसा यह भूचाल
हर मछली को लील रहा
जल का नाग आज.
विषधारी हो गये है
मगरमच्छ सारे
शैवालो पर बैठकर
शिकारी डेरा डारे
फँस गयी यहाँ जलपरी
धँस गई आवाज
शांत जल में आया ...!
फूल गया है सेमर
हुआ लाल पानी
दैत्यों की कहानी तो
कहती थी नानी
बढ़ गयी है पशुता
मेंढक धरे ताज
शांत जल में आया ...!
उथला हो गया है
तंत्र का आँगन
अब फना हो रहा है
कँवल का जीवन
तड़प रहे है जलचर
न्याय मांगे आज
शांत जल में आया ...
21-04-13
------शशि पुरवार
सेमर -- दलदल ,
तंत्र -- प्रणाली , स्वत्रन्त्र तत्वों का समूह ,
पशुता -- हैवानियत ,दरिंदगी ,
कँवल -कमल