1
क्यूँ तुम खामोश रहे
पहले कौन कहे
दोनों ही तड़प सहें ।
2
आसान नहीं राहें
पग- पग पे धोखा
थामी तेरी बाहें ।
3
सतरंगी यह जीवन
राही चलता जा
बहुरंगी तेरा मन ।
4
साँचे ही करम करो
छल करना छोड़ो
उजियारे रंग भरो ।
5
बीते कल की बतियाँ
महकाती यादें
है आँखों में रतियाँ ।
6
ये पीर पुरानी है
यूँ बदले मौसम
खुशियाँ नूरानी है ।
७
है खुशियों को जीना
हँसता चल राही
दुःख आज नहीं पीना ।
८
मन में सपने जागे
पैसे की खातिर
क्यूँ हर पल हम भागे?
९
है दिल में जोश भरा
मंजिल मिलती है
दो पल ठहर जरा ।
१०
झम झम बरसा पानी
मौसम बदल गए
क्यूँ रूठ गई रानी ?
११
क्यों मद में होते हो
दो पल का जीवन
क्यों नाते खोते हो ।
१२
है क्या सुख की भाषा
हलचल है दिल में
क्यों टूट रही आशा ।?
१३
दिन आज सुहाना है
कल की खातिर क्यों
फिर आज जलाना है ।
----शशि पुरवार
क्यूँ तुम खामोश रहे
पहले कौन कहे
दोनों ही तड़प सहें ।
2
आसान नहीं राहें
पग- पग पे धोखा
थामी तेरी बाहें ।
3
सतरंगी यह जीवन
राही चलता जा
बहुरंगी तेरा मन ।
4
साँचे ही करम करो
छल करना छोड़ो
उजियारे रंग भरो ।
5
बीते कल की बतियाँ
महकाती यादें
है आँखों में रतियाँ ।
6
ये पीर पुरानी है
यूँ बदले मौसम
खुशियाँ नूरानी है ।
७
है खुशियों को जीना
हँसता चल राही
दुःख आज नहीं पीना ।
८
मन में सपने जागे
पैसे की खातिर
क्यूँ हर पल हम भागे?
९
है दिल में जोश भरा
मंजिल मिलती है
दो पल ठहर जरा ।
१०
झम झम बरसा पानी
मौसम बदल गए
क्यूँ रूठ गई रानी ?
११
क्यों मद में होते हो
दो पल का जीवन
क्यों नाते खोते हो ।
१२
है क्या सुख की भाषा
हलचल है दिल में
क्यों टूट रही आशा ।?
१३
दिन आज सुहाना है
कल की खातिर क्यों
फिर आज जलाना है ।
----शशि पुरवार