Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
(Move to ...)
Home
▼
Showing posts with label
ढोल
.
Show all posts
Showing posts with label
ढोल
.
Show all posts
Friday, March 4, 2022
छैल छबीली फागुनी - shashi purwar
›
छैल छबीली फागुनी, मन मयूर मकरंद ढोल, मँजीरे, दादरा, बजे ह्रदय में छंद। 1 मौसम ने पाती लिखी, उड़ा गुलाबी रंग पात पात फागुन धरे, उत्स...
7 comments:
›
Home
View web version