Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Monday, March 13, 2023
नारी! तुम केवल श्रद्धा हो
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जय शंकर प्रसाद "फूलों की कोमल पंखुडियाँ बिखरें जिसके अभिनंदन में। मकरंद मिलाती हों अपना स्वागत के कुंकुम चंदन में। कोमल किसलय मर्मर-रव...
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Thursday, March 17, 2022
गंधों भीगा दिन
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हरियाली है खेत में, अधरों पर मुस्कान रोटी खातिर तन जला, बूँद बूँद हलकान अधरों पर मुस्कान ज्यूँ , नैनों में है गीत रंग गुलाबी फूल के, गंध बिख...
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