Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Monday, March 13, 2023
नारी! तुम केवल श्रद्धा हो
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जय शंकर प्रसाद "फूलों की कोमल पंखुडियाँ बिखरें जिसके अभिनंदन में। मकरंद मिलाती हों अपना स्वागत के कुंकुम चंदन में। कोमल किसलय मर्मर-रव...
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Saturday, March 11, 2023
हाय, मानवी रही न नारी
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सुमित्रा नंदन पंत हाय , मानवी रही न नारी लज्जा से अवगुंठित , वह नर की लालस प्रतिमा , शोभा सज्जा से निर्मित ! युग युग की वंदिनी , देह की का...
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