Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Thursday, March 9, 2023
मैं नीर भरी दुख की बदली!
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महादेवी वर्मा मैं नीर भरी दुख की बदली! स्पन्दन में चिर निस्पन्द बसा क्रन्दन में आहत विश्व हँसा नयनों में दीपक से जलते, पलकों में निर्झारिणी...
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Sunday, March 6, 2022
महक उठी अँगनाई - shashi purwar
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चम्पा चटकी इधर डाल पर महक उठी अँगनाई उषाकाल नित धूप तिहारे चम्पा को सहलाए पवन फागुनी लोरी गाकर फिर ले रही बलाएँ निंदिया आई अखियों में और सपन...
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