Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Sunday, March 6, 2022
महक उठी अँगनाई - shashi purwar
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चम्पा चटकी इधर डाल पर महक उठी अँगनाई उषाकाल नित धूप तिहारे चम्पा को सहलाए पवन फागुनी लोरी गाकर फिर ले रही बलाएँ निंदिया आई अखियों में और सपन...
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Friday, March 4, 2022
छैल छबीली फागुनी - shashi purwar
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छैल छबीली फागुनी, मन मयूर मकरंद ढोल, मँजीरे, दादरा, बजे ह्रदय में छंद। 1 मौसम ने पाती लिखी, उड़ा गुलाबी रंग पात पात फागुन धरे, उत्स...
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