Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Monday, October 23, 2017
भूख की घंटी = पेट की कश्मकश
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भूख शब्द का नाम लेते ही आँखों के सामने अनगिनत पकवान तैरने लगते हैं। मुँह में पानी का सैलाब उमड़ने लगता है...
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Thursday, September 7, 2017
व्यंग्य के तत्पुरुष
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व्यंग्य के तत्पुरुष व्यंग्य के नीले आकाश में चमकते हुए सितारे संज्ञा , समास , संधि , विशेषण का विश्लेषण करते हुए नवरस की नयी व्याख्या ...
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Friday, August 18, 2017
कुर्सी की आत्मकथा
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कुर्सी की आत्मकथा -- कुर्सी की माया ही निराली है . कुर्सी से बड़ा कोई ओहदा नहीं है , कुर्सी सिर्फ राजनीति की ही नहीं अ...
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Tuesday, August 15, 2017
नेता जी का भाषण
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गाँव के नवोदित नेता ललिया प्रसाद अपनी जीत के जश्न में सराबोर कुर्सी का बहुत ही आनंद ले रहे थे। कभी सोचा न था सरकारी कुर्सी पर ऐसे ...
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Thursday, August 10, 2017
विकल हृदय
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घुमड़ घुमड़ कर आये बदरा मनभावन, बनी तसवीर. घन घन घन, घनघोर घटाएँ गाएँ मेघ - राग मल्हार झूमे पादप, सर्द हवाएँ खुशियों का करें इजहार...
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Monday, July 31, 2017
नेह की संयोजना
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हम नदी के दो किनारे साथ चल कर मिल न पाएँ घेर लेती हैं हजारों अनछुई संवेदनाएँ। ज्वार सा हिय में उठा, जब शब्द उथले हो ग...
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Thursday, July 27, 2017
गुलाबी खत
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दिल, अभी यह चाहता है खत लिखूँ मैं इक गुलाबी संग सखियों के पुराने दिन सुहाने याद करना। और छत पर बैठकर चाँद से संवाद करना...
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