Sapne (सपने )

हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..

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Wednesday, July 11, 2018

सुख की क्यारी

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१ भारी सिर पर बोझ है, ना उखड़ी है श्वास राहें पथरीली मगर, जीने में विश्वास  जीने में विश्वास, सधे क़दमों से चलना  अधरों पर मुस्कान, न मुख...
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Friday, July 6, 2018

गीतों में बहना

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  कभी कभी, अच्छा लगता है, कुछ  तनहा रहना।  तन्हाई में भीतर का सन्नाटा भी बोले कथ्य वही जो बंद ह्रदय के दरवाजे खोले।  अनुभूति के,अ...
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Saturday, June 16, 2018

बच्चों वाले खेल

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उत्सव की वह सौंधी खुशबू  ना अंगूरी बेल  गली मुहल्ले भूल गए हैं  बच्चों वाले खेल  लट्टू, कंचे, चंग, लगौरी  बीते कल के रंग  बचप...
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Monday, June 11, 2018

हीरे सा प्रतिमान

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उमर सलोनी चुलबुली , सपन चढ़े परवान आलोकित शीशा लगे , हीरे सा प्रतिमान1  एक सुहानी शाम का , दिलकश हो अंदाज मौन थिरक...
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Monday, June 4, 2018

टेढी हुई जुबान

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भोर हुई मन बावरा , सुन पंछी का गान गंध पत्र बाँटे पवन , धूप रचे प्रतिमान     पानी जैसा हो गया , संबंधो में खून धड...
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Monday, May 14, 2018

विचारों में मिलावट

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वक़्त बदल गया है। विचारों में भी मिलावट हो रही है।  साहित्य व व्यंग्य भी  खालिस नहीं रहा। हर तरफ मिलावट ही मिलावट है।  मिलावट कहाँ नहीं है ....
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Friday, May 11, 2018

दोहे - बेबस हुआ सुकून

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जंगल कटते ही रहे, सूख गए तालाब  बंजर होते खेत में, ठूँठ खड़े सैलाब  जीवन यह अनमोल है, भरो प्रेम का रंग छोटे छोटे पल यहाँ, बिखरे मोती चंग...
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Monday, May 7, 2018

आँगन की धूप

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धूप आंगन में खड़ी है लग रही कितनी अकेली हो रही नींव जर्जर धूर में लिपटी हवेली शहर की तीखी चुभन में  नेह का आँगन नहीं है गूँजत...
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Wednesday, April 18, 2018

मन का हो उपचार

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१ गंगा के तट पर सभी, मानव करते काम धोना कपडा व पूजा, धरम करम के नाम धरम करम के नाम, करें तर्पण  चीजों का पाप पुण्य संग्राम, विषैला म...
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Sunday, April 1, 2018

मूर्ख दिवस

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  मूर्ख दिवस  आज सुबह से मन उतावला हो रहा था।  बच्चों की ऊधम पट्टी से यह समझ आ गया कि कल  १ अप्रैल हैं।  भला हो बच्चों का , नहीं तो अप...
Monday, March 26, 2018

प्रेम नगर अपवाद

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तन इक  मायाजाल है, जीवन का परिधान मन सुन्दर अमृत कलशा,तन माटी प्रतिमान1 ढोंगी ने चोला पहन, खूब करे पाखंड भगवा वस्त्रों को मिला, कलुषि...
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Tuesday, March 20, 2018

मूर्खता की परछाई

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समय के साथ सब बदल जाता है।  यह परम सत्य है। आदमी पहले दूसरों को मूर्ख बनाता था।  आज खुद को  मूर्ख बनाता है। आज मेरी मुलाकात अपनी ही परछाई ...
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shashi purwar
नाम: शशि पुरवार।(100Women’s Achievers Of India ) जन्मतिथि: 22 जून1973ई0।जन्मस्थान: इंदौर,मध्यप्रदेश। शिक्षा: स्नातक-बी.एस-सी.विज्ञान। स्नातकोत्तर- एम.ए.राजनीति,दे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इंदौर) तीन वर्षीय हानर्स डिप्लोमाइन कम्प्यूटर साफ्टवेयरएंडमै नेजमेंटभाषाज्ञान-हिंदी, मराठी, अंग्रेजी सम्प्रति- लेखिका,स्वतंत्रलेखन,स्तंभकार प्रकाशितसाहित्य- १-व्यंग्यकीघुड़दौड़(व्यंग्यसंग्रह) २- धूपआँगनकी -( गद्यएवंपद्यसंपूर्णसाहित्य)३-मनकाचौबारा( काव्यसंग्रह) ४- जोगनीगंध(हाइकुसंग्रह )५- भीड़काहिस्सानही(गीत-नवगीतसंग्रह). अप्रकाशित साहित्य- 1) दोहासंग्रह, 2 ) कहानीसंग्रह, 3) समिक्षासंग्रह, 4) लेखसंग्रह. अनगिनत सम्मानों समेत कुछ - हिंदी विद्यापीठ भागलपुर : 'विद्यावाचस्पति सम्मान' ,* 'मिनिस्ट्री ऑफ़ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट' द्वारा भारत की 100 women's Achievers of India 2016 सम्मान , * महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी के कर कमलों द्वारा सम्मानित - १०० महिला अचीवर्स सम्मान , 'हरिशंकर परसाई स्मृति सम्मान' 2016 , - Best Blogger Of the Month ( 2016 ) contact - shashipurwar@gmail.com
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