Sapne (सपने )

हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..

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Thursday, September 20, 2018

विकलांगता

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विकलांगता ख्याल आते ही  मन में सहानुभूति जन्म लेती है  कहीं वितृष्णा, कहीं लापरवाही  कहीं बेचारगी, कभी दुत्कार। यह अपरिपक्व मन के व...
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Monday, September 17, 2018

हौसलों के गीत - गजल

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जिंदगी अनमोल है नित, हौसलों के गीत गाना हर कमी तन की भुलाकर, साथ जग के मुस्कुराना जिस्म गर विकलांग है तो, तुम बदलना सोच अपनी लिख सकोगे ...
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Friday, September 7, 2018

जंगल में मंगल

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इस साल दशहरा मैदान पर रावण जलाने की तैयारियां बड़े जोर शोर से की जा रहीं थी. पहले तो कई दिनों तक रामलीला होती थी फिर रावण दहन किया जाता था....
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Tuesday, August 28, 2018

एक पहेली

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१  सुबह सवेरे रोज जगाये नयी ताजगी लेकर आये दिन ढलते, शीतल रंग रूप क्या सखि साजन ? ना सखी  धूप  २ साथ तुम्हारा स...
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Friday, August 24, 2018

जीवन अनमोल

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पल पल खुशियां ढूंढ रहा है जीवन यह अनमोल लेकिन राहों में बिखरें है खट्टे मीठे बोल  पथरीली पगडंडी का, ना  कोई  ...
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Friday, August 10, 2018

अधरों पर मुस्कान

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बरखा रानी दे रही, अधरों पर मुस्कान धान बुआई  कर रहे, हर्षित भये किसान हर्षित भये किसान, जगी मन में फिर आशा पनपता हरित स्वर्ण, पलायन करे ...
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Thursday, August 9, 2018

व्यंग्य की घुड़दौड़ संग्रह

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व्यंग्य की घुड़दौड़’ सीधे शब्दों में ज़िन्दगी की घुड़दौड़ है। ठीक उसी तरह, जैसे बेतरतीब सड़कों पर थमे बिना चलते रहना, कड़कते तेल के छौंक की ...
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Wednesday, July 11, 2018

सुख की क्यारी

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१ भारी सिर पर बोझ है, ना उखड़ी है श्वास राहें पथरीली मगर, जीने में विश्वास  जीने में विश्वास, सधे क़दमों से चलना  अधरों पर मुस्कान, न मुख...
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Friday, July 6, 2018

गीतों में बहना

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  कभी कभी, अच्छा लगता है, कुछ  तनहा रहना।  तन्हाई में भीतर का सन्नाटा भी बोले कथ्य वही जो बंद ह्रदय के दरवाजे खोले।  अनुभूति के,अ...
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Saturday, June 16, 2018

बच्चों वाले खेल

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उत्सव की वह सौंधी खुशबू  ना अंगूरी बेल  गली मुहल्ले भूल गए हैं  बच्चों वाले खेल  लट्टू, कंचे, चंग, लगौरी  बीते कल के रंग  बचप...
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Monday, June 11, 2018

हीरे सा प्रतिमान

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उमर सलोनी चुलबुली , सपन चढ़े परवान आलोकित शीशा लगे , हीरे सा प्रतिमान1  एक सुहानी शाम का , दिलकश हो अंदाज मौन थिरक...
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Monday, June 4, 2018

टेढी हुई जुबान

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भोर हुई मन बावरा , सुन पंछी का गान गंध पत्र बाँटे पवन , धूप रचे प्रतिमान     पानी जैसा हो गया , संबंधो में खून धड...
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Monday, May 14, 2018

विचारों में मिलावट

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वक़्त बदल गया है। विचारों में भी मिलावट हो रही है।  साहित्य व व्यंग्य भी  खालिस नहीं रहा। हर तरफ मिलावट ही मिलावट है।  मिलावट कहाँ नहीं है ....
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Friday, May 11, 2018

दोहे - बेबस हुआ सुकून

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जंगल कटते ही रहे, सूख गए तालाब  बंजर होते खेत में, ठूँठ खड़े सैलाब  जीवन यह अनमोल है, भरो प्रेम का रंग छोटे छोटे पल यहाँ, बिखरे मोती चंग...
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Monday, May 7, 2018

आँगन की धूप

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धूप आंगन में खड़ी है लग रही कितनी अकेली हो रही नींव जर्जर धूर में लिपटी हवेली शहर की तीखी चुभन में  नेह का आँगन नहीं है गूँजत...
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shashi purwar
नाम: शशि पुरवार।(100Women’s Achievers Of India ) जन्मतिथि: 22 जून1973ई0।जन्मस्थान: इंदौर,मध्यप्रदेश। शिक्षा: स्नातक-बी.एस-सी.विज्ञान। स्नातकोत्तर- एम.ए.राजनीति,दे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इंदौर) तीन वर्षीय हानर्स डिप्लोमाइन कम्प्यूटर साफ्टवेयरएंडमै नेजमेंटभाषाज्ञान-हिंदी, मराठी, अंग्रेजी सम्प्रति- लेखिका,स्वतंत्रलेखन,स्तंभकार प्रकाशितसाहित्य- १-व्यंग्यकीघुड़दौड़(व्यंग्यसंग्रह) २- धूपआँगनकी -( गद्यएवंपद्यसंपूर्णसाहित्य)३-मनकाचौबारा( काव्यसंग्रह) ४- जोगनीगंध(हाइकुसंग्रह )५- भीड़काहिस्सानही(गीत-नवगीतसंग्रह). अप्रकाशित साहित्य- 1) दोहासंग्रह, 2 ) कहानीसंग्रह, 3) समिक्षासंग्रह, 4) लेखसंग्रह. अनगिनत सम्मानों समेत कुछ - हिंदी विद्यापीठ भागलपुर : 'विद्यावाचस्पति सम्मान' ,* 'मिनिस्ट्री ऑफ़ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट' द्वारा भारत की 100 women's Achievers of India 2016 सम्मान , * महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी के कर कमलों द्वारा सम्मानित - १०० महिला अचीवर्स सम्मान , 'हरिशंकर परसाई स्मृति सम्मान' 2016 , - Best Blogger Of the Month ( 2016 ) contact - shashipurwar@gmail.com
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