Tuesday, September 20, 2011

अभिव्यक्ति.............!

 
 
                     अभिव्यक्ति शब्दों से की जाती है 
                         अनुभूति रचनाओ से ली जाती है.
   
                 दिल में गर जज्बा हो, कुछ कह दिखाने का ,
 
                           फिर लेखनी,  वो काम कर जाती है.
     
                            लेखनी यदि स्वयं की हो तो ,
       
                             वह अनमोल हो जाती है .

                                    उधार की रौशनी में कभी ,
         
                         वो चमक नहीं आ पाती.....!
                                              :-शशि पुरवार

12 comments:

  1. बहुत सार्थक और अच्छी सोच .....
    सुंदर भावाभिव्यक्ति.

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  2. Wonderful and so true. If you wish to do something and are passionate about it, you will win many heart. Beautiful...

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  3. बहुत खूब ... सच है उधार की रौशनी ज्यादा देर काम नहीं आती ... अपनी लो खुद ही जगानी पढ़ती है ..

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  4. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .....:))

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  5. अभिव्यक्ति को बखू़बी सजाया है आपने...

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  6. शब्दों के सुन्दर मिलन से रचना की लौ दूर दूर तक फैलें यही हमारी कामना हें एक ओर बधाई स्वीकारें !

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  7. शशि जी...क्या लिखती हैं आप...आपकी रचनाएँ दिल को छू लेतीं हैं.....

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  8. शशि पुरवार जी
    स्नेहिल स्मरण एवं नमस्ते !

    बहुत सही कहा आपने -
    उधार की रौशनी में कभी ,
    चमक नहीं आ पाती.....!


    आपकी लेखनी में निरंतर चमक बढ़ती रहे ,
    दिनोंदिन निखार आता रहे……… यही कामना है !


    ♥ हार्दिक मंगलकामनाएं-शुभकामनाएं !♥
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  9. आपका सभी का बहुत शुक्रिया , आप सभी के शब्दों की अभिव्यक्ति हमें बहुत पसंद आई , एक -एक शब्द ने हमें आगे बढ़ने की राह दिखलाई

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