सुंदर स्वप्न,
तितली बन के उड़े,
अखिंयन में .
फूल खिले , तो
गुलजार हुआ है मन ,
दिल जोहे है वाट
मधुबन में ...!
पवित्र प्रेम की
बिखरी है कलियाँ,
सिमट गयी बतियाँ
खो गए , नीलगगन में .
तारों ने भी दी है सौगात
खिला पूनम का चाँद,
रौशन हुयी दिल की बगिया
गुलशन में ....!
अब आये न होश
हुए है मदहोश ,
छाया अनुपम सौन्दर्य
बगियन में ...!
सुंदर स्वप्न .....!
: - शशि पुरवार
डायरी के पन्नों से -
तितली बन के उड़े,
अखिंयन में .
फूल खिले , तो
गुलजार हुआ है मन ,
दिल जोहे है वाट
मधुबन में ...!
पवित्र प्रेम की
बिखरी है कलियाँ,
सिमट गयी बतियाँ
खो गए , नीलगगन में .
तारों ने भी दी है सौगात
खिला पूनम का चाँद,
रौशन हुयी दिल की बगिया
गुलशन में ....!
अब आये न होश
हुए है मदहोश ,
छाया अनुपम सौन्दर्य
बगियन में ...!
सुंदर स्वप्न .....!
: - शशि पुरवार
डायरी के पन्नों से -
अब आये न होश
ReplyDeleteहुए है मदहोश ,
छाया अनुपम सौन्दर्य
बगियन में ...!bahut khub.
छाया अनुपम सौन्दर्य
ReplyDeleteबगियन में....
bahut bahut sunder prastuti,kaash jeewan sapno sa hi hota....
bhaut hi khubsurat....
ReplyDelete' फूल खिले , तो
ReplyDeleteगुलजार हुआ है मन ,
दिल जोहे है वाट
मधुबन में ...!'
बहुत सुन्दर भाव.बधाई.
Dreams and lovely dreams...Sigh!
ReplyDeleteLovely words:)
waah kyaa baat hai
ReplyDeleteसुंदर स्वप्न .....!-अंखियन में....सुन्दर....
ReplyDeleteBehtarin rachna
ReplyDeleteबेहतरीन।
ReplyDeleteसादर
पवित्र प्रेम की
ReplyDeleteबिखरी है कलियाँ,
सिमट गयी बतियाँ
खो गए , नीलगगन में...
बहुत सुन्दर , बधाई
bahut sundar panktiyan....
ReplyDeletehttp://dilkikashmakash.blogspot.com/
बहुत सुंदर भावमयी प्रस्तुति...शब्दों और भावों का सुंदर संयोजन..
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
vah sundar abhivykti ...abhar.
ReplyDeleteआपके पोस्ट पर आना सार्थक होता है । मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
ReplyDeleteभावमय सुन्दर कविता ....
ReplyDelete' फूल खिले , तो
ReplyDeleteगुलजार हुआ है मन ,
दिल जोहे है वाट
मधुबन में ...!'
sunder panktiyan
rachana
अच्छी कविता बधाई और शुभकामनाएं |
ReplyDelete