रिश्ते
तांका --
1
दोस्ती के रिश्ते
पावन औ पवित्र
हीरे मोती से
महकते गुलाब
जीवन के पथ पर .
2
दो अजनबी
जीवन के मोड़ पे
कुछ यूँ मिले
सात फेरो में बंधा
जन्मों जन्मों का रिश्ता .
3
चाँद सितारे
उतरे हैं अंगना
स्नेहिल रिश्ता
ममता का बिछोना
आशीष रुपी झरे
नेह हरसिंगार .
4
ये कैसे रिश्ते
नापाक इरादों से
आतंक मारे
सिमटते जज्बात
बिखरते हैं ख्वाब .
5
नाजुक रिश्ते
कांच से ज्यादा कच्चे
पारदर्शिता
विश्वास की दीवारे
प्रेम का है आइना .
-------शशि पुरवार
रिश्ते पर हर रचना सटीक ... सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteउम्दा रेखांकन..... बहुत सुंदर
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज शनिवार (20-04-2013) के धूम , जयकार , झगडे , प्यार और मनुहार के साथ (मयंक का कोना) पर भी होगी!
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
सूचनार्थ...सादर!
यथार्थ को परिभाषित करती खूबसूरत प्रस्तुति ! बहुत सुंदर !
ReplyDeleteखुबसूरत रचनाएँ
ReplyDeleteक्योंकि लड़की हूँ मैं
,रिश्तों को परिभाषित करती सुंदर रचना,,
ReplyDeleteRECENT POST : प्यार में दर्द है,
दो अजनबी
ReplyDeleteजीवन के मोड़ पे
कुछ यू मिले
सात फेरो में बंधा
जन्मो जन्मो का रिश्ता .
..बहुत सही ..सच ही कहते हैं रिश्ते ऊपर से बनकर आते हैं ...
बढ़िया है आदरणीया-
ReplyDeleteशुभकामनायें-
अक्षर थोड़े बड़े चाहियें-
बेहद खूबसूरत कतरे , और इत्तेफ़ाक देखिए कि हम आपके डेढ सौंवें ब्लॉग मित्र बन गए हैं
ReplyDeleteरिश्तों के खूबसूरत रंग बिखेर दिए आपने तो......
ReplyDeleteसुंदर परिभाषा......
रिश्तों को परिभाषित करती ... सभी क्षणिकाएं प्रभावी ...
ReplyDeletebehad khoob soorat kshanikayen .............rishton pr bareek najar.
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