Saturday, April 20, 2013

रिश्ते .........




रिश्ते
तांका --

1
दोस्ती के रिश्ते
पावन औ पवित्र
हीरे मोती से
महकते गुलाब
जीवन के पथ पर .

2
दो अजनबी
जीवन के मोड़ पे
कुछ यूँ मिले
सात फेरो में बंधा
जन्मों जन्मों का रिश्ता .

3
चाँद सितारे
 उतरे हैं  अंगना
स्नेहिल रिश्ता
ममता का बिछोना
आशीष रुपी  झरे
 नेह हरसिंगार .

4
ये कैसे रिश्ते
नापाक इरादों से
आतंक  मारे
सिमटते जज्बात
बिखरते हैं ख्वाब .

5
नाजुक रिश्ते
कांच से ज्यादा कच्चे
पारदर्शिता
विश्वास  की दीवारे
प्रेम  का है आइना .

-------शशि पुरवार 

12 comments:

  1. रिश्ते पर हर रचना सटीक ... सुंदर प्रस्तुति

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  2. उम्दा रेखांकन..... बहुत सुंदर

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  3. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज शनिवार (20-04-2013) के   धूम , जयकार , झगडे , प्यार और मनुहार के साथ (मयंक का कोना)  पर भी होगी!
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
    सूचनार्थ...सादर!

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  4. यथार्थ को परिभाषित करती खूबसूरत प्रस्तुति ! बहुत सुंदर !

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  5. ,रिश्तों को परिभाषित करती सुंदर रचना,,

    RECENT POST : प्यार में दर्द है,

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  6. दो अजनबी
    जीवन के मोड़ पे
    कुछ यू मिले
    सात फेरो में बंधा
    जन्मो जन्मो का रिश्ता .
    ..बहुत सही ..सच ही कहते हैं रिश्ते ऊपर से बनकर आते हैं ...

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  7. बढ़िया है आदरणीया-
    शुभकामनायें-

    अक्षर थोड़े बड़े चाहियें-

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  8. बेहद खूबसूरत कतरे , और इत्तेफ़ाक देखिए कि हम आपके डेढ सौंवें ब्लॉग मित्र बन गए हैं

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  9. रिश्तों के खूबसूरत रंग बिखेर दिए आपने तो......
    सुंदर परिभाषा......

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  10. रिश्तों को परिभाषित करती ... सभी क्षणिकाएं प्रभावी ...

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  11. behad khoob soorat kshanikayen .............rishton pr bareek najar.

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