Thursday, October 10, 2013

संत पहाड़

पहाड़ --
अडिग खड़ा
देखे कई बसंत
संत पहाड़
उगले ज्वाला
गर्म काली लहरे
स्याह धरती
चंचल भानू
रास्ता रोके खड़ा है
बूढा पर्वत
धोखा पाकर
पहाड़ जैसी बनी
नाजुक कन्या
हिम से ढके
प्रकृति बुहारते
शांत भूधर
शैल का अंक 
नाचते है झरने
खिलखिलाते

पर्वत पुत्री
धरती पे जा बसी
बसा है गाँव।
झुकता नहीं
लाख आये तूफ़ान
मिटता  नहीं ।

- शशि पुरवार

13 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - शुक्रवार - 11/10/2013 को माँ तुम हमेशा याद आती हो .... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः33 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra


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  2. बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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  3. बहुत अच्छे हायकू |बधाई

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  4. बहुत बढ़िया हाइकु ....

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  5. बहुत बढ़िया हायकू...
    सभी सुन्दर और अर्थपूर्ण.
    सस्नेह
    अनु

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  6. सभी हायकू बेहतरीन ।

    मेरी नई रचना :- मेरी चाहत

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  7. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (11-10-2013) चिट़ठी मेरे नाम की (चर्चा -1395) में "मयंक का कोना" पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  8. सुंदर अभिव्यक्ति ... नवरात्र की शुभकामनाएं

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  9. पहाड़ को हाइकू में समेटना सच में रोचक रहा।

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  10. बहुत सुन्दर .
    नई पोस्ट : मंदारं शिखरं दृष्ट्वा
    नई पोस्ट : प्रिय प्रवासी बिसरा गया
    नवरात्रि की शुभकामनाएँ .

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  11. praven ji tushar ji mayank ji , hindi blog kalidas ji ,rajeev ji anu ji , sushma ji bahut bahut dhanyavad ,aap sabhi ne anmol pal nikal kar sundar samiksha ki , abhaar sabhi mitro ka .

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  12. लाजबाब बहुत सुंदर हाइकू ...!
    नवरात्रि की शुभकामनाएँ ...!

    RECENT POST : अपनी राम कहानी में.

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