Sunday, January 26, 2014

भारत सुख रंजित हो



भारत को कहते थे
सोने की चिड़िया
सुख से हम रहते थे। 
गोरों को भाया था
माता का आंचल
वह ठगने आया था

याद हमें कुर्बानी 
वीरो की गाथा
वो जोश भरी बानी .
कैसी आजादी थी
भू का बँटवारा
माँ की बरबादी थी .

ये प्रेम भरी बोली
वैरी क्या जाने
खेले खूनी होली
.
सरहद पे रहते है
दुख उनका पूछो
वो क्या क्या सहते है

घर की याद सताती 
प्रेम भरी पाती
उन तक पँहुच न पाती .
८ 
बतलाऊँ कैसे मैं
सबकी चिंता है
घर आऊँ कैसे मैं?

हैं घात भरी रातें
बैरी करते हैं
गोली  से बरसातें।
१०
पीर हुई गहरी सी
सैनिक घायल है
ये सरहद ठहरी सी।
११
आजादी मन भाये
कितनी बहनों के
पति लौट नहीं पाये।
१२
है शयनरत ज़माना
सुरक्षा की खातिर
सैनिक फर्ज निभाना।
१३
एकता से सब मोड़ो
राष्ट्र की धारा
आतंकी को तोड़ो .
१४
स्वर सारे गुंजित हो
गूंजे जन -गन - मन
भारत सुख रंजित हो

-- शशि पुरवार


आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ -- जय हिन्द जय भारत-- 

11 comments:

  1. बहुत सार्थक अभिव्यक्ति। ६५वें गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें !

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  2. ६५वें गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें ! बहुत सुंदर ।

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  3. सार्थक अभिव्यक्ति। ६५वें गणतंत्र दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें !
    नई पोस्ट मेरी प्रियतमा आ !
    नई पोस्ट मौसम (शीत काल )

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  4. आप को भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई।

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  5. बहुत सुन्दर .६५वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
    नई पोस्ट : स्वर्णयोनिः वृक्षः शमी

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  6. बहुत सुंदर ....गंणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ...

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (27-01-2014) को "गणतन्त्र दिवस विशेष" (चर्चा मंच-1504) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    ६५वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  8. जय हिन्द

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  9. बहुत सुन्दर और प्रभावी...जय हिंद

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  10. देशप्रेम से भरी क्षणिकायें

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  11. देश को समर्पित बहुत सुन्दर माहिया, बधाई.

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