ब्लॉग सपने शशि में आप पढ़ेंगे जीवन के रंग अभिव्यक्ति के संग.. प्रेरक कहानियाँ, लेख और साहित्यिक रचनाओं का संसार ।आपका अपना संसार ।
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Tuesday, January 13, 2015
नदिया तीरे
१ नया विहान शब्दों का संसार रचें महान २ झुकता नहीं आएं लाख तूफ़ान डिगता नहीं ३ मन चंचल मचलता मौसम सर्द है रात ४ नदिया तीरे झील में उतरता हौले से चंदा ५ बिखरे मोती धरती के अंक में फूलों की गंध ६ एक शाम अटूट है बंधन दोस्ती के नाम ७ साथ तुम्हारा महका तन मन प्यार सहारा
शशि पुरवार
नदिया तीरे
ReplyDeleteझील में उतरता
हौले से चंदा ..
बहुत ही लजवाब ... नाजुक हाइकू ...
कुछ शब्दों में लम्बी कहानी लिखी हो जैसे ...
सुन्दर हाइकु
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना बुधवार 14 जनवरी 2015 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteदेखन में छोटे लगे पर घाव करें गंभीर..सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसुन्दर हाइकु
ReplyDeleteसंत -नेता उवाच !
क्या हो गया है हमें?
आपकी हर रचना बहुत गहरी और मारक होती है .... बहुत सुन्दर ..
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया !
ReplyDeleteसभी बहुत सुन्दर हाइकू है ....
ReplyDeleteबूँद में सागर सामान उत्कृष्ट हाइकू ! बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और प्रभावी हाइकु...
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteसरस-सार्थक हाइकु.
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