बिगड़े से हालात
कुर्सी की पूजा करें, घूमे चारों धाम
राजनीति के खेल में , हुए खूब बदनाम
दीवारों को देखते, करते खुद से बात
एकाकी परिवार के , बिगड़े से हालात
एकाकी मन की उपज, बिसरा दिल का चैन
सुख का पैमाना भरो , बदलेंगे दिन रैन
मोती झरे न आँख से, पथ में बिखरे फूल
सुख पैमाना तोष का , सूखे शूल बबूल
शशि पुरवार
सुन्दर
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 04/04/2019 की बुलेटिन, " चल यार धक्का मार , बंद है मोटर कार - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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