Saturday, April 4, 2020

जनता कर्फ्यू - स्वयं के संयम की परीक्षा


जनता कर्फ्यू - स्वयं के संयम की परीक्षा

देश विदेश में फैला हुअा कोरोना वायरस लाखों लोगों को काल बनकर निल गया है, देश में बढ़ते वायरस महामारी के संक्रमण से उत्पन्न होने वाली जटिल समस्या से निपटने के लिए सरकार के जनता कर्फ्यू के फैसले का स्वागत है.

साधार: मारी यह मानसिकता है कि स्वेच्छा से हम कुछ नहीं करेंगे और यदि जबरदस्ती किया जाय, तो सरकार को कोसने लगेंगे. पहले सँभलते नहीं है लेकिन जब परेशानी होती है तो सरकार को गालियां देना शुरू कर देंगे . करोड़ों की आबादी वाल भारत देश में शासन पूर्णत: तभी सफल होगा, जब जनता उसमें सहयोग करेंग.
यह कर्फ्यू नही है अपितु आपकी इस घड़ी में स्वयं पर संयम रखकर अपने लिए, अपनों के लिए व समाज हित के लिए सुरक्षा है. यदि हम स्वयं की रक्षा करेगें तो समाज सुरक्षित रहेगा. हम देश के जागरूक नागरिक है व नागरिक देश की इकाई होता है, संक्रमण को रोकने में हम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकतें है.
कोरोना वायरस महामारी का कहर अन्य देशों में तीसरे व चौथे सप्ताह में तबाही मचा चुका है . महामारी धीरे-धीरे अपने पैर पसार रही है . भारत में आज 300 के करीब लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, 4 – 5 मौतें हो चुकी है .
चूंकि अब तीसरा सप्ताह शुरू होने वाला है इसीलिए जरूरी है कि आप अपना व अपने परिवार का ख्याल रखें. क्योंकि भारत देश में करोड़ों की आबादी में संक्रमण का तेजी से फैलना तबाही मचा सकता है. इसीलिए यह महामारी अपना भयानक रूप उससे पहले उसे रोकना अत्यंत आवश्यक है . देश के लगभग हर राज्य में धीरे धीरे लोक डाउन किया जा रहा है. लेकिन इस बात की गंभीरता को कितने लोग समझ रहे हैं ?. कितने लोग कोरोना वायरस को गंभीर समस्या के रूप में ले रहे हैं ? अभी भी लोग बिना मास्क बाहर निकल रहें है. मैंने कई लोगों से इस संदर्भ में भी बात की और उन्हें इस समस्या के बचने की सलाह दी, तो उन्होंने समस्या को ही धता बता कर गंभीरता का मखौल उड़ा दिया.

हाइ सोसाइटी में बुद्धिजीवी लोग अपना नियमित सैर सपाटा, जमावड़ा पार्टी को जारी रखे हुए है . उनके लिए यह समस्या नहीं अपितु घुमक्कड़ी का समय बना हुआ है . यह तो वही बात है कि स्वयं को बुद्धिजीवी घोषित करके हम स्वयं को मूर्ख बना रहे हैं . क्या आपने सोचा है यह महामारी जब विकराल रूप लेगी तो कितने अपनों की जान लेगी ? क्या हम ,अपनों को खोने के बाद चेतेगें ? इस समय देश संकट से गुजर रहा है. हमारे देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है, समस्या गंभीर है .हमें गंभीरता से समस्या को बढ़ने से पहले उसका दमन कना होगा.

हमें समझना होगा कि जब अापके लिए जरूरी सेवाएं बहाल है तो अनावश्यक बाहर न जाएं. सामान भर कर स्वार्थी ना बनें. दिहाडी मजदूृर इस संकट में सबसे ज्यादा झूझ रहे हैं. हमसे ज्यादा उनके घरों मे समस्या है, वह महामारी के साथ अपनी भूख से भी झूझेंगे. अपने कदम उनकी मदद के लिए बढानें होगें, अपने घर में काम करने वाले लोगों हेल्परों की सहायता करनी होगी.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और बड़ी संख्या में स्वच्छताकर्मी इस मिशन में अपनी जान जोखिम में डालकर जुटे हुए हैं। 130 करोड़ वाले जनसंख्या के देश में कोविड-19 के संक्रमण से जनता को बचाने के लिए केंद्र सरकार और सारी राज्य सरकारें अपनी पुरजोर कोशिश कर रही हैं। हमें उसमे अपना योगदान देना होगा. नही तो जब यह संक्रमण अपना विकराल रूप धारण कर लेगा, उस भयावह स्थिति को संभालना मुश्किल होगा हमारे देश की जितनी जनसंख्या के मुकाबले स्वास्थ सेंवाए कम पडेगी.

जनता कर्फ्यू माननीय प्रधानमंत्री जी ने अापके लिए, आपके नाम किया है, हम स्वयं के लिए अपनों के लिए इतना कर सकते हैं. सोशल दूरी बनाकर अपनों के करीब आएं. खुद को घर में कैद मत समझें , परिजनों के साथ पलों को जिए. घबराएं नहीं . थोडी सी सावधानी खुशियों भरी जिंदगी बन सकती है.

हम लोग भी तीसरे स्टेज पर पहुंचने वाले हैं इसीलिए जरूरी है कि आप अपना व अपने परिवार का ख्याल रखें. क्योंकि भारत देश में करोड़ों की आबादी में संक्रमण का तेजी से फैलना तबाही मचा सकता है क्योंकि स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं इतनी बहाल नहीं है जितनी आवश्यकता होगी . एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते कुछ बातों का धायन रखें , आपसे विनम्र निवेदन है कि

1 माननीय प्रधानमंत्री जी ने कई उपाय बताए हैं जिनका पालन करके छोटा सा सहयोग दे सकते हैं
2 सामान की जमाखोरी न करें है . अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम न होने दें।

3 कारण बाहर ना निकलें. स्वास्थ संबधी परेशानी या कोरोना के लक्षण दिखने पर घबराने की जगह सरकार द्वारा दिये गये हेल्प लाइन नंबर से मदद लें

4 कोविड-19 को हल्के में न लें। इसकी गंभीरता को समझें। व्हाट्सएप पर आने वाले अवैज्ञानिक और भ्रामक उपचारों का प्रचार-प्रसार न करें।

5 स्वच्छता का ध्यान रखें, सतर्कता बरतें, सरकार का साथ दें. बच्चों के हाथ भी साबुन/सैनिटाइजर से धुलवाते रहें.

जनता कर्फ्यू हमारे ही संयम की परीक्षा है, जनता का जनता के लिए स्वंय पर लगाया गया ‌कर्फ्यू समाज हित के लिए होगा. इस जंग को जीत जाना है हमें कोरोना को हराना है.
शि पुरवार



1 comment:

आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए अनमोल है। हमें अपने विचारों से अवगत कराएं। सविनय निवेदन है --शशि पुरवार

आपके ब्लॉग तक आने के लिए कृपया अपने ब्लॉग का लिंक भी साथ में पोस्ट करें
.