Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Sunday, March 6, 2022
महक उठी अँगनाई - shashi purwar
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चम्पा चटकी इधर डाल पर महक उठी अँगनाई उषाकाल नित धूप तिहारे चम्पा को सहलाए पवन फागुनी लोरी गाकर फिर ले रही बलाएँ निंदिया आई अखियों में और सपन...
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Monday, January 30, 2017
बेटी घर की शान
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1 माँ बाबा की लाडली, वह जीवन की शान ममता को होता सदा, बेटी पर अभिमान। 2 बेटी ही करती रही, घर- अँगना गुलजार मन की शीतल चाँदनी, ...
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