खिले पलाश........
१) रात अकेली
सन्नाटे की सहेली
काली घनेरी .
२) चिंता का नाग
फन जब फैलाये
नष्ट जीवन .
३ ) पति -पत्नी में
वार्तालाप सिमित
अटूट रिश्ता .
४ ) खिले पलाश
अंबुआ की बहार
फागुन आया .
५ ) रंगो की होली
मिलन का त्यौहार
गुझिया खास .
------------------------६)दरख्तो को है -----------------------
जड़ से उखड़ती
तूफानी हवा .
७) गडगडाहट
चमकती बिजली
आई बारिश .
८ ) काले घनेरे
बादलो का डेरा
गर्म तपिश .
९ ) थिरकता बिभोर
सावन के झूले
मन मयूर .
:------शशि पुरवार
वाह...
ReplyDeleteबढ़िया हायेकु....
किन्ही में नियम टूटा लगता है..आप चेक कर लें..
५-७-५ होना चाहिए..
सादर.
namaskar vidhya ji
Deletehayuk me adhe shabdo ko varno me nahi gina jata ....
phir bhi swagat hai accha laga aapne aapni rai di .abhar
बहुत बढिया।
ReplyDeleteNice ones.
ReplyDeleteशशि जी आपके सभी हाईकू अच्छे लगे.
ReplyDeleteकम शब्दों में अति गहन बातें व्यक्त की हैं आपने.
आभार.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईएगा.
'मेरी बात...' पर अपनी भी कुछ कहिएगा.
I loved the third one and your post reminded me of a TV serial which used to air when we were kids. The title song was 'Jab Jab mere ghar aana tum, phool palash ke le aana tum' Do you remember?
ReplyDeleteshukriya atul ji ,
Deleteshaifali dear
rakesh ji
saru .........thank you so much . aapki anmol tipni ke liye :):):):)
shashiji kee haiku
ReplyDeletero oon kaaykoo
gam gaayab
हाइकु नम्बर ३ मुझे बहुत सुन्दर लगी ..सादर
Deleteमेरे भी ब्लॉग पर आये शशि जी /
followed ur blog/
गंभीर बात कहते शानदार हाइकू।
ReplyDeletePRATYEK HAIKOO ME GAHAN VICHAR ....BAHUT SUNDAR RACHANA ...PAHLI BAR MAINE DEKHA KI AP ES VIDHA ME BHI PARANGAT HAIN .....SADAR ABHAR.
ReplyDeleteshukriya rajendra ji ,
Deletemahendra ji
tripathi ji
hardik abhar ..... utsahvardhan ke liye
महकती -चहकती ..गहरे तक जाती हाइकु..
ReplyDeleteबेहतरीन और सुंदर हाईकू बहुत -बहुत बधाई
ReplyDeleteThree liners kee betaj badshah ho gayee ho tum..:)
ReplyDeletehar ek haiku apne me sateeek , aur pyari..!!
waah gagr me sagr.
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