पलों का बहुत है मोल ........!
राही जीवन है अनमोल
पलों का बहुत है मोल
सफ़र को बना सुहाना
बस हँसते हुए पग बढ़ाना .
टेढ़े -मेढ़े है रास्ते
न कोई ठौर , न ठिकाना
मंजिल अभी है दूर
सफ़र नया अनजाना
बस हँसते हुए ,
हे राही ,
आगे पग बढ़ाना .
कभी सावन -भादो
कभी पतझड़ का आना
फिसलन भरी है पगडण्डी
और हवा का भी,
बेरुखी से गुजर जाना
इन पटी हुई राहों में ,
हर पल है धोखा
राही खुद को भी जरा संभालना .
आएगा इक वक्त
जब ठहर जायेंगे पल
थकित मन ,
सुप्त कदम ,
न मन में कोई उमंग , पर
तू न इससे घबराना
दिल को दे होसला
जीने का मिल जायेगा बहाना
जीवन तो है इक सफ़र
मृत्यु आती निश्छल ,
तू न इससे डर
जी ले जिंदगी के पलों को
सफ़र को बना सुहाना
बदल जायेंगे फिर समीकरण
बस हसंते हुए कदम बढ़ाना ....!
राही यह जीवन हैअनमोल
तू संभल कर पग बढ़ाना ..............!
:--- शशि पुरवार
बस ऐसे ही आगे बढ़ते रहो ...मंजिल और भी खूबसूरत मिलेगी
ReplyDeleteजीवन तो है अनमोल,यहाँ पल पल का है मोल,
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति,,,सुंदर रचना,,,,,
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बहुत बहुत आभार ,,
We have to watch our steps so that we make less mistakes. Great poem...:)
ReplyDeleteकदम जब बढ़ता जाएगा
ReplyDeleteमंजिल खुद करीब आएगा
कल 29/06/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बढिया
ReplyDeletesunder
ReplyDeletecalculated steps with a smile on face..
ReplyDeletemantra of life..
nice message :)
वीर तुम बढे चलो,
ReplyDeleteधीर तुम बढे चलो...
प्रेरित करती कविता....बहुत सुन्दर...
सुन्दर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteएक सन्देश...!
सुंदर रचना
ReplyDeleteअच्छा सन्देश देती सुन्दर रचना...
ReplyDelete:-)
ज़िन्दगी इक सफ़र है सुहाना...बस आगे ही बढ़ते जाना...सुंदर रचना !!
ReplyDeleteअच्छी प्रेरक रचना...
ReplyDeleteसादर बधाई।
वाह ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत सी सुंदर !
ReplyDeleteझरने सी झरती हुई..... आपकी ये कविता जीवन के सत्य का बखान करते हुए आसानी से जीवन के मोल और उसके उद्देश्य को समझा गयी ! Thanks for sharing !!! :)
एक उत्साहवर्धक रचना ...मन प्रसन्न
ReplyDeleteaap sabhi ka tahe dil se abhar ....doston .:)
ReplyDelete)
सच है ये जीवन अनमोल है ... सोच समझ के सभी काम करना चाहए ... आशा के बीज बोती रचना ...
ReplyDelete