बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (26-05-2013) के "आम फलों का राजा होता : चर्चामंच 1256" में मयंक का कोना पर भी है! सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
क्षमा करें...पहले कमेट में दिन गलत टाइप हो गया था...! -- बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज रविवार (26-05-2013) के "आम फलों का राजा होता : चर्चामंच 1256" में मयंक का कोना पर भी है! सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपने मात्र २ ७ शब्दों में प्रकृति की अनन्त सुंदरता का वर्णन किया है. गरजते बादल और बरसती बूंदें...यही तो पहचान है मानसून की माल पूड़े और खीर खाने का मन हो रहा है .. तन के साथ मन को भिगोते हैं . हार्दिक शुभकामनायें .
बहुत सुन्दर, सार्थक रचना साथ ही जन्मदिन बहुत बहुत बधाई हिन्दी तकनीकी क्षेत्र की अचंम्भित करने वाली जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
बहुत बेहतरीन सुंदर हाइकू ,,,
ReplyDeleteRECENT POST : बेटियाँ,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (26-05-2013) के "आम फलों का राजा होता : चर्चामंच 1256"
में मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
क्षमा करें...पहले कमेट में दिन गलत टाइप हो गया था...!
ReplyDelete--
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज रविवार (26-05-2013) के "आम फलों का राजा होता : चर्चामंच 1256"
में मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शशि पुरवार जी आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ...!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु और जन्मदिन कि ढेर सारी शुभकामनायें ...!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर हाइकू ,,,
ReplyDeleteशशि पुरवार जी आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ...!
नदी, अपनी यात्रा में।
ReplyDeleteकाली घटाए
ReplyDeleteसूरज को छुपाये
आँख मिचोली .
सुन्दर रचना ...
शशिजी पुरवार,
ReplyDeleteस्वीकार करें बधाई -
खूब-सा प्यार !
बहुत सुंदर
ReplyDeleteतौलिया और रूमाल
बढिया हाइकु
ReplyDeleteअच्छे हायकू ..देर से ही सहे जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपने मात्र २ ७ शब्दों में प्रकृति की अनन्त सुंदरता का वर्णन किया है.
ReplyDeleteगरजते बादल और बरसती बूंदें...यही तो पहचान है मानसून की
माल पूड़े और खीर खाने का मन हो रहा है ..
तन के साथ मन को भिगोते हैं .
हार्दिक शुभकामनायें .
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत सुंदर और गहराई से अपने सावन का वर्णन कम से कम शब्दों से किया है।
ReplyDeleteहार्दिक बधाई .
Pahli baar aapke blogpe aayi hun..bahut hee badhiya laga....dheere dheere aur bhee padhtee rahungee!
ReplyDeleteसावन की याद आ गयी ...
ReplyDeleteआभार !
बहुत सुन्दर, सार्थक रचना साथ ही जन्मदिन बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की अचंम्भित करने वाली जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें
टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
शीर्ष पोस्ट
गूगल आर्ट से कीजिये व्हाइट हाउस की सैर
अपनी इन्टरनेट स्पीड को कीजिये 100 गुना गूगल फाइबर से
मोबाइल नम्बर की पूरी जानकारी केवल 1 सेकेण्ड में
ऑनलाइन हिन्दी टाइप सीखें
इन्टरनेट से कमाई कैसे करें
इन्टरनेट की स्पीड 10 गुना तक बढाइये
गूगल के कुछ लाजबाब सीक्रेट
गूगल ग्लास बनायेगा आपको सुपर स्मार्ट
आया सावन
ReplyDeleteखिलखिलाई धरा
नाचे झरने .
वाह ... जबर्दत हाइकू ... बरखा आने वाली है ऐसा लगता है ...