Saturday, June 22, 2013

सदा साथ होंगे हम ........शब्दों के माध्यम से।

सपनो को लगा के पंख 
कुछ यूँ  मुस्काये 
जज्बात
जैसे ठहर गयी हो 
चांदनी मन की
 घाटियों में
कैसे कहूँ ,
मन के भावो को 
घुमड़ रहे 
अनगिनत विचार ,
व 
खेल रहे सपने 
शब्दों के सूरज से,
और 
बना रहे 
एक नया
आकाश,
एक ब्रह्मांड 
मेरे सपनो की 
घाटियों में .
कल हो न हो 
पर महकेंगे  मेरे

भावो के फूल
जीवन बन कर 
सपनो की 
इन्ही यादों में 
फिर 
सदा साथ होंगे हम
गीत ,गजल ,या छंद
नहीं ,बस 
एक खूबसूरत सा 
एःसास और 
प्यार बन के 
शब्दों के 

माध्यम से
इन्ही वादियों में ...... शशि पुरवार 







आज से तीन साल पहले मैंने  मेरे जन्मदिन पर मेरे प्यारे ब्लॉग सपने  को एक आकर दिया था और  किताबों में बंद रचनाये कब यहाँ खेलने लगी और समय पंख लगा के उड़ने लगा पता ही नहीं चला  .आज मेरे ब्लॉग सपने का ३ रा जन्मदिन है , जिसे आप सभी ने बहुत प्यार दिया ,आज मुझे अंतरजाल पर भी प्यारा सा परिवार मिला ,जिसका प्यार अनमोल है , और साथ यहाँ अमर रहेगा , एक खूबसूरत एअह्साह है जो हमें सदा महकता रहेगा ,हम हमारे शब्दों में सदा जीवंत रहेंगे .------- आज खुद को खुद से मिला रही हूँ .
मेरे पूरे  परिवार और मित्रो को धन्यवाद कह के पराया नहीं करना चाहूंगी सभी का स्नेह मेरे लिए अनमोल है .    :)  ---- शशि पुरवार

19 comments:

  1. आपको बहुत बहुत बधाइयाँ..सुन्दर सृजन करती रहें, यही प्रार्थना भी है।

    ReplyDelete
  2. आपकी यह पोस्ट आज के (२२ जून, २०१३, शनिवार ) ब्लॉग बुलेटिन - मस्तिष्क के लिए हानि पहुचाने वाली आदतें पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई

    ReplyDelete
  3. ब्लॉग के तीसरी वर्ष गांठ पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ,श्रृष्टि का कार्य जारी रहे
    latest post परिणय की ४0 वीं वर्षगाँठ !

    ReplyDelete
  4. बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुतिकरण,आभार।

    ReplyDelete
  5. तीसरे साल की बहतु बहुत बधाई ... ऐसे ही आपका लेखन चलता रहे ... अपनों का साथ बना रहे ...

    ReplyDelete
  6. हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  7. शनिवार, 22 जून 2013

    "आभासी दुनिया की मेरी भतीजी शशि पुरवार का जन्मदिन .." (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
    इस आभासी संसार में
    आज मेरी भतीजी और चर्चा मंच की चर्चाकार
    "शशि पुरवार" का जन्मदिन है।
    उपहारस्वरूप कुछ शब्द सजाये हैं!

    जन्मदिन पुरवार “शशि” का आज आया।
    आज बिटिया के लिए, आशीष का उपहार लाया।।

    मन नवल उल्लास लेकर, नृत्य आँगन में करें,
    धन्य-धन परिपूर्ण होवे, जगनियन्ता सुख भरें,
    आपके सिर पर रहे, सौभाग्य का अनमोल साया।
    आज बिटिया के लिए, आशीष का उपहार लाया।।

    शशि तुम्हारी रौशनी से, हो रहा पुलकित हो गगन,
    जब कली खिलती, तभी खुशबू लुटाता है चमन,
    जगमगाते तारकों ने, आज मंगलगान गाया।
    आज बिटिया के लिए, आशीष का उपहार लाया।।

    बाँटता खुशियाँ सदा, आभास का संसार है,
    घन खुशी के तब बरसते, जब सरसता प्यार है,
    डोर नातों की बँधी तो, नेह का अधिकार पाया।
    आज बिटिया के लिए, आशीष का उपहार लाया।।

    http://uchcharan.blogspot.in/2013/06/blog-post_4525.html

    ReplyDelete
  8. शशि बिटिया!
    हार्दिक मंगलकामनाएँ स्वीकार करें!

    ReplyDelete
  9. बधाई ..बधाई..बधाई....

    ReplyDelete
  10. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (23-06-2013) के चर्चा मंच -1285 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

    ReplyDelete
  11. बहुत सुंदर भाव .... जन्मदिन की बधाई और शुभकामनायें

    ReplyDelete
  12. बहुत बहुत बधाइयाँ ब्लॉग जगत में तीन साल पूरे करने के लिये. शशि जी आपके लेखन से हम सभी अभिभूत हैं. इस सृजन में निरंतर आगे बढती रहें.

    शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  13. बहुत सुंदर प्रस्तुति .... जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  14. जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  15. बहुत -बहुत बधाई शशि जी |

    ReplyDelete
  16. आपकी यह रचना आज शुक्रवार (19-07-2013) को निर्झर टाइम्स पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

    ReplyDelete
  17. बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete

आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए अनमोल है। हमें अपने विचारों से अवगत कराएं। सविनय निवेदन है --शशि पुरवार

आपके ब्लॉग तक आने के लिए कृपया अपने ब्लॉग का लिंक भी साथ में पोस्ट करें
.