Tuesday, June 11, 2013

फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया .........!


फूल राहों खिला उठा लाया
नाम अपना दिया जिला लाया


भीड़ जलने लगी बिना कारण
बात काँटों भरी विदा लाया


लुट रही थी शमा तमस में फिर
रौशनी का दिया बना लाया


शर्म आती नहीं लुटेरों को
पाठ हित का उसे पढ़ा लाया

बैर की आग जब जली दिल में
आज घर अपना वो जला लाया 


गिर गया आज फिर मनुज कितना
नार को कोख में मिटा लाया


प्यार से सींचा फिर जिसे मैंने
उसका घर आज मै बसा लाया


खुश रहे वो सदा दुआ मेरी
फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया .

-- शशि पुरवार 
 26.05.13



नमस्ते मित्रो --- मेरे जीवनसाथी की तबियत नासाज है इसीलिए लेखन और अंतरजाल से दूर हूँ , बहुत परेशान  हूँ ..... सब ठीक होने के बाद पुनः आपसे आपके ब्लॉग पर मिलूंगी , अपना स्नेह बनाये रखें .

24 comments:

  1. खुश रहे वो सदा दुआ मेरी
    फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया,,,वाह वाह ,,,

    बहुत सुंदर गजल ,,,

    recent post : मैनें अपने कल को देखा,

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सुन्दर रचना।

    ReplyDelete
  3. खुश रहे वो सदा दुआ मेरी
    फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया .
    -- jarur milenge .....shubhkamnaayen aapko ....

    ReplyDelete
  4. नमस्कार
    आपकी यह रचना कल बुधवार (12-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

    ReplyDelete
  5. गहन अभिव्यक्ति शशि जी ....!!

    ReplyDelete
  6. बहुत सुन्दर गहन अभिव्यक्ति !
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post: प्रेम- पहेली
    LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !

    ReplyDelete
  7. वाह शशि....
    बेहतरीन ग़ज़ल..

    सस्नेह
    अनु

    ReplyDelete
  8. जय हो ... लाजबाव रचना |

    ReplyDelete
  9. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बुधवार (12-06-2013) को बुधवारीय चर्चा --- अनवरत चलती यह यात्रा बारिश के रंगों में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  10. बैर की आग जब जली दिल में
    आज घर अपना वो जला लाया

    बहुत लाजवाब शेर है ... पूरी गज़ल खूबसूरत शेरों से सजी गज़ल ...
    आपके जीवन साथी के स्वास्थ के लिए हमारी शुभकामनायें हैं ..

    ReplyDelete
  11. बहुत सुंदर, बहुत सुंदर
    क्या कहने

    मीडिया के भीतर की बुराई जाननी है, फिर तो जरूर पढिए ये लेख ।
    हमारे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर। " ABP न्यूज : ये कैसा ब्रेकिंग न्यूज ! "
    http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/abp.html

    ReplyDelete
  12. बेहतरीन व लाजवाब
    साभार !




    ReplyDelete
  13. गिर गया आज फिर मनुज कितना
    नार को कोख में मिटा लाया

    बहुत सुन्दर !!

    ReplyDelete
  14. मन के विचारों को सार्थकता से व्यक्त करती
    वर्तमान की रचना,सुंदर अनुभूति
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

    आग्रह है- पापा ---------

    ReplyDelete
  15. आपने लिखा....
    हमने पढ़ा....
    और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए शनिवार 22/06/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    पर लिंक की जाएगी.
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    लिंक में आपका स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  16. बेहतरीन प्रस्तुति....

    ReplyDelete
  17. मन के मन के भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....

    ReplyDelete

  18. गिर गया आज फिर मनुज कितना
    नार को कोख में मिटा लाया

    प्यार से सींचा फिर जिसे मैंने
    उसका घर आज मै बसा लाया

    खुश रहे वो सदा दुआ मेरी
    फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया .
    बहुत सुन्दर भावो की अभिवयक्ति .

    ReplyDelete
  19. बेहतरीन प्रस्तुति....

    ReplyDelete
  20. बहुत खूब

    ReplyDelete

आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए अनमोल है। हमें अपने विचारों से अवगत कराएं। सविनय निवेदन है --शशि पुरवार

आपके ब्लॉग तक आने के लिए कृपया अपने ब्लॉग का लिंक भी साथ में पोस्ट करें
.