Wednesday, July 10, 2013

दिल के तार




१ मन प्रांगन
यादों के बादल से
झरते मोती .

 २ 

 धीमा गरल
पीर की है चुभन
खोखला तन 

पीर जो जन्मी
बबूल  सी चुभती
स्वयं की साँसे

दिल का दर्द
रेगिस्तान बन के
तन में बसा .

दिल के तार
जीवन का श्रृंगार
तुम्हारा प्यार .



५ 
भीनी खुशबू
सजी गुलदस्ते में
खिले हाइकू .

६ 
समेटे प्यार
फूलों सा उपहार
हिंदी हाइकू …

14 comments:

  1. बहुत ही सही ... उत्‍कृष्‍ट लेखन के लिए आभार

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  2. nmshkar shashi ji badhiya hayku.

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11/07/2013 के चर्चा मंच पर है
    कृपया पधारें

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  4. वाह !!! बहुत उम्दा, हाइकू लाजबाब लगे ,,,

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  5. क्या बात, सभी हाइकू एक से बढ़कर एक
    बहुत सुंदर

    कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचा
    http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form

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  6. बहुत सुंदर हाइकू शशि जी , आभार




    यहाँ भी पधारे ,

    http://hindihaiga.blogspot.in/2013/07/blog-post_10.html

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  7. उम्दा हइकू.... लिखते रहिये ... कभी कभी मेरे ब्लॉग पर भी आते रहिये

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  8. बेहतरीन हाइकू हैं।

    पधारिये और बताईये  निशब्द

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  9. सभी हायकू अच्छे लगे.

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  10. वाह ... सभी हाइकू लाजवाब हैं ...

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  11. बेहतरीन हाइकू हैं।


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  12. आपकी यह बेहतरीन रचना कल दिनांक 12.07.2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ पर लिंक की गयी है। कृपया इसे देखें और अपने सुझाव दें।

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  13. बहुत ही भावमय व सार्थक हाइकू, आभार.

    रामराम.

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