Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Friday, January 11, 2019
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तन्हाई मुझको रास आने लगी है याद की खशबू भी गहराने लगी है पास होकर भी दूर हैं वह मुझसे परछाई मुझे गले लगाने लगी है ...
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Monday, July 22, 2013
एक मुक्तक --
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धरा खिलती है अंबर खिलता है पौधे रोपिये जीवन मिलता है उजियारा फैलता है कण कण में धूप निकली जब सूरज जलता है . - शशि ...
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