Sapne (सपने )

हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..

▼
Sunday, May 21, 2017

गंध फूलों की

›
फिर चलो इस जिंदगी को  गुनगुनाएँ  हम  बैठ कर बातें करें औ मुस्कुराएँ हम  लान कुर्सी पर मधुर  संगीत को सुन लें   चाय की चु...
7 comments:
Thursday, May 4, 2017

झूठ का पुलिंदा

›
  ३१ झूठ  का पुलिंदा            कभी कभी लगता है कलयुग का नामकरण करना ही उचित होगा।  जैसे सतयुग वैसे ही झूठ युग।  सतयुग में  भी सभी सत्य...
1 comment:
Saturday, April 29, 2017

सोशल साइट्स की गर्मी

›
        गर्मी परवान चढ़ रही है, मई भी मजबूर लग रही है.जिसे देखो वह अपने किरदार में खोया हुआ पसीना बहा रहा है. कोई  धूप में पसीने से नहा रहा...
2 comments:
Friday, April 21, 2017

पॉँव जलते हैं हमारे "

›
शाख के पत्ते हरे कुछ हो गए पीले किनारे नित पिघलती धूप में,ये पॉँव   जलते   हैं  हमारे । मिट रहे इन जंगलों में ठूँठ जैसी बस्तियाँ...
11 comments:
Monday, April 17, 2017

फेसबुकी मूर्खता -

›
दर वर्ष दर  हम मूर्ख दिवस मनाते हैं, वैसे सोचने वाली बात है, आदमी खुद को  ही मूर्ख  बनाकर खुद ही आनंद लेना चाहता है, यह भी परमानंद है। ...
2 comments:
Monday, March 27, 2017

कातर नजरें

›
भीड़ भरे शहरों में जीना    मुश्किल लगता है  धूल धुआँ भी खुली हवा में  शामिल लगता है  कोलाहल की इस बस्ती में  झूठी सब  कसमें  अ...
8 comments:
Wednesday, March 22, 2017

शूल वाले दिन

›
अब नहीं मिलते डगर में फूल वाले दिन  आज खूँटी पर टंगे हैं  शूल वाले दिन  परिचयों की तितलियों ने  पंख जब खोले  साँस को...
7 comments:
Monday, March 20, 2017

उड़ान का आभाष

›
सपने जीवन का अभिन्न अंग हैं, मैंने भी कई सपने देखे लेकिन जिंदगी में सभी सपने सच होते चले जायेंगे सोचा न था. सपने अच्छे भी देखे तो दुखद...
2 comments:
Saturday, March 11, 2017

स्नेह रंग

›
गली गली में घूम रही है  मस्तानों की टोली  नीले, पीले, रंग हठीले  आओ खेलें होली  दरवाजे पर आँख  गड़ी है  हाथों में गुब्बारे सब...
6 comments:
Tuesday, March 7, 2017

फागुनी दोहे - उत्सव वाले चंग

›
१  छैल छबीली फागुनी, मन मयूर मकरंद  ढोल, मँजीरे, दादरा, बजे ह्रदय में छंद।    २  मौसम ने पाती लिखी, उड़ा गुलाबी रंग  पा...
6 comments:
Thursday, March 2, 2017

कहीं प्रेम कहीं शब्दो की होली

›
फेक का अंग्रेजी अर्थ है धोखा व फेस याने चेहरा ,  दुनिया में आभाषी दुनिया का चमकता यह चेहरा एक मृगतृष्णा के समान है जो आज सभी को प्यार...
9 comments:
Thursday, February 16, 2017

बेनकाब हो जाये - गजल

›
शहर में इंकलाब हो जाए  गॉँव भी आबताब हो जाए  १  लोग जब बंदगी करे दिल  से  हर नियत मेहराब हो जाए  २  हौसले गर बुलंद हो दिल में ...
5 comments:
Friday, February 10, 2017

समर्पण भाव

›
अनवरत चलते रहें हम  भूल बैठे मुस्कुराना  है यही अनुरोध तुमसे   बस ख़ुशी के गीत गाना। फर्ज की चादर तले, कुछ  मर गए...
5 comments:
Monday, January 30, 2017

बेटी घर की शान

›
1  माँ बाबा की लाडली, वह जीवन की शान  ममता को होता सदा,  बेटी पर अभिमान।  2  बेटी ही करती रही, घर- अँगना गुलजार मन की शीतल चाँदनी, ...
2 comments:
Monday, January 23, 2017

उमंगो की डोर

›
पर्व खुशियों के मनाने का बहाना है  डोर उमंगो की बढाओ गीत गाना है १  घुल रही है फिर हवा में गंध सौंधी सी  मौज मस्ती स्वाद का ...
5 comments:
‹
›
Home
View web version

about me

My photo
shashi purwar
नाम: शशि पुरवार।(100Women’s Achievers Of India ) जन्मतिथि: 22 जून1973ई0।जन्मस्थान: इंदौर,मध्यप्रदेश। शिक्षा: स्नातक-बी.एस-सी.विज्ञान। स्नातकोत्तर- एम.ए.राजनीति,दे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इंदौर) तीन वर्षीय हानर्स डिप्लोमाइन कम्प्यूटर साफ्टवेयरएंडमै नेजमेंटभाषाज्ञान-हिंदी, मराठी, अंग्रेजी सम्प्रति- लेखिका,स्वतंत्रलेखन,स्तंभकार प्रकाशितसाहित्य- १-व्यंग्यकीघुड़दौड़(व्यंग्यसंग्रह) २- धूपआँगनकी -( गद्यएवंपद्यसंपूर्णसाहित्य)३-मनकाचौबारा( काव्यसंग्रह) ४- जोगनीगंध(हाइकुसंग्रह )५- भीड़काहिस्सानही(गीत-नवगीतसंग्रह). अप्रकाशित साहित्य- 1) दोहासंग्रह, 2 ) कहानीसंग्रह, 3) समिक्षासंग्रह, 4) लेखसंग्रह. अनगिनत सम्मानों समेत कुछ - हिंदी विद्यापीठ भागलपुर : 'विद्यावाचस्पति सम्मान' ,* 'मिनिस्ट्री ऑफ़ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट' द्वारा भारत की 100 women's Achievers of India 2016 सम्मान , * महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी के कर कमलों द्वारा सम्मानित - १०० महिला अचीवर्स सम्मान , 'हरिशंकर परसाई स्मृति सम्मान' 2016 , - Best Blogger Of the Month ( 2016 ) contact - shashipurwar@gmail.com
View my complete profile
Powered by Blogger.