Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Wednesday, May 20, 2020
जहाँ आदमी अपने को रोज बेचता है
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रिक्शे पर बैठकर हम मोबाइल पर बतियातें रहतें हैं और बेचारा रिक्शे वाला हाँफता हुआ पसीना पोंछता हुआ सवारियों को खीचता रहता है। हम अ...
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Monday, April 27, 2020
मत हो हवा उदास
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१ धीरे धीरे धुल गया , मन मंदिर का राग इक चिंगारी प्रेम की , सुलगी ठंडी आग २ खोलो मन की खिड़कियाँ, उसमें भरो उजास धूप ठुमकती सी लिखे...
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Monday, April 20, 2020
बदला वक़्त परिवेश - कोरोना काल के दोहे
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कोरोना ऐसा बड़ा , संकट में है देश लोग घरों में बंद है , बदला वक़्त परिवेश प्रकृति बड़ी बलवान है, सूक्ष्म जैविकी हथियार मानव के ह...
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Thursday, April 16, 2020
'जोगिनी गंध' -
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'जोगिनी गंध' - त्रिपदिक हाइकु प्रवहित निर्बंध आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' हिंदी की उदीयमान रच...
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Saturday, April 11, 2020
जीवन बचाने के लिए चिंतन जरूरी
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मनुष्य व प्रकृति को बचाने के लिए चिंतन करना आज जीवन की महत्वपूर्ण वजह बन गई है . अपराधी सिर्फ वह लोग नहीं हैं जो खूंख...
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