Friday, July 19, 2013

प्रकृति और मानव


जल जीवन
प्रकृति औ मानव
अटूट रिश्ता

जगजननी
धरती की पुकार
 वृक्षारोपण
 ३ 
मानुष काटे
धरा का हर अंग
मिटते  गाँव .


पहाड़ो तक
पंहुचा प्रदूषण
प्रलयंकारी

केदारनाथ
बेबस जगन्नाथ
मानवी भूल
६ 
 काले धुँए से
चाँद पर चरण 
काला गरल .


जलजले से
विक्षिप्त है पहाड़
मौन रुदन

कम्पित धरा
विषैली पोलिथिन
मनुज  फेकें

सिंधु गरजे
विध्वंश के निशान
अस्तित्व मिटा .
१०
अप्रतिम है
प्रकृति का सौन्दर्य
चिटके गुल .

-------- शशि पुरवार




23 comments:

  1. शुभ प्रभात
    शशि दीदी को मन से
    देती हूँ सम्मान
    रचना
    तीन लाईन की
    करती बड़ा काम
    सादर

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  2. आपने लिखा....हमने पढ़ा....
    और लोग भी पढ़ें; ...इसलिए शनिवार 20/07/2013 को
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    पर लिंक की जाएगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र
    लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!

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  3. प्रकृति के हर सम को हमेशा विषम बनाता है मानव !

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शुक्रवार (19-07-2013) को स्वर्ग पिता को भेज, लिया पति से छुटकारा -चर्चा मंच 1311 पर "मयंक का कोना" में भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. सुन्दर और सार्थक शब्द संकेत..प्रकृति के अनुरूप तो चलना ही होगा।

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  6. मानुष काटे
    धरा का हर अंग
    मिटते गाँव .
    वाह बहुत प्रभावी ....सारगर्भित .....बहुत अच्छे लगे ...!!
    शुभकामनायें ।

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  7. पहाड़ो तक
    पंहुचा प्रदूषण
    प्रलयंकारी..... सन्देश देती सुंदर रचना !!

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  8. बहुत प्रभावशाली हाइकू. शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  9. प्रकृति मानव से बदला ले ही लेती है .... प्रभावशाली हाइकु

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  10. आपकी यह रचना आज शुक्रवार (19-07-2013) को निर्झर टाइम्स पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

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  11. जीवन से जुड़े बेहतरीन हायकू ....

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  12. sabhi mitro ka tahe dil se abhaar ......aap sabhi ka sneh anmil hai .

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  13. उचित संदेश देते हुए सुंदर हाइकु....
    बधाई शशि जी!

    ~सादर!!!

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  14. Pradushan to sachme pralayankari hai.......sundar haiku!

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  15. साधुवाद योग्य लाजवाब अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई

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  16. सुंदर प्रस्तुति।।।

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  17. बहुत उम्दा हाइकू ,सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई,

    RECENT POST : अभी भी आशा है,

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  18. सुन्दर हाइकु

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  19. तीन लाइनों में गहरा अर्थ समाया ...
    प्रभावी ...

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