१
जल जीवन
प्रकृति औ मानव
अटूट रिश्ता
२
जगजननी
धरती की पुकार
वृक्षारोपण
३
मानुष काटे
धरा का हर अंग
मिटते गाँव .
४
पहाड़ो तक
पंहुचा प्रदूषण
प्रलयंकारी
५
केदारनाथ
बेबस जगन्नाथ
मानवी भूल
६
काले धुँए से
चाँद पर चरण
काला गरल .
७
जलजले से
विक्षिप्त है पहाड़
मौन रुदन
८
कम्पित धरा
विषैली पोलिथिन
मनुज फेकें
९
सिंधु गरजे
विध्वंश के निशान
अस्तित्व मिटा .
१०
अप्रतिम है
प्रकृति का सौन्दर्य
चिटके गुल .
-------- शशि पुरवार
जल जीवन
प्रकृति औ मानव
अटूट रिश्ता
२
जगजननी
धरती की पुकार
वृक्षारोपण
३
मानुष काटे
धरा का हर अंग
मिटते गाँव .
४
पहाड़ो तक
पंहुचा प्रदूषण
प्रलयंकारी
५
केदारनाथ
बेबस जगन्नाथ
मानवी भूल
६
काले धुँए से
चाँद पर चरण
काला गरल .
७
जलजले से
विक्षिप्त है पहाड़
मौन रुदन
८
कम्पित धरा
विषैली पोलिथिन
मनुज फेकें
९
सिंधु गरजे
विध्वंश के निशान
अस्तित्व मिटा .
१०
अप्रतिम है
प्रकृति का सौन्दर्य
चिटके गुल .
-------- शशि पुरवार
शुभ प्रभात
ReplyDeleteशशि दीदी को मन से
देती हूँ सम्मान
रचना
तीन लाईन की
करती बड़ा काम
सादर
आपने लिखा....हमने पढ़ा....
ReplyDeleteऔर लोग भी पढ़ें; ...इसलिए शनिवार 20/07/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
प्रकृति के हर सम को हमेशा विषम बनाता है मानव !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शुक्रवार (19-07-2013) को स्वर्ग पिता को भेज, लिया पति से छुटकारा -चर्चा मंच 1311 पर "मयंक का कोना" में भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर और सार्थक शब्द संकेत..प्रकृति के अनुरूप तो चलना ही होगा।
ReplyDeleteमानुष काटे
ReplyDeleteधरा का हर अंग
मिटते गाँव .
वाह बहुत प्रभावी ....सारगर्भित .....बहुत अच्छे लगे ...!!
शुभकामनायें ।
पहाड़ो तक
ReplyDeleteपंहुचा प्रदूषण
प्रलयंकारी..... सन्देश देती सुंदर रचना !!
बहुत प्रभावशाली हाइकू. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
प्रकृति मानव से बदला ले ही लेती है .... प्रभावशाली हाइकु
ReplyDeleteआपकी यह रचना आज शुक्रवार (19-07-2013) को निर्झर टाइम्स पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकू !
ReplyDeletelatest post क्या अर्पण करूँ !
जीवन से जुड़े बेहतरीन हायकू ....
ReplyDeletesabhi mitro ka tahe dil se abhaar ......aap sabhi ka sneh anmil hai .
ReplyDeleteउचित संदेश देते हुए सुंदर हाइकु....
ReplyDeleteबधाई शशि जी!
~सादर!!!
Pradushan to sachme pralayankari hai.......sundar haiku!
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
साधुवाद योग्य लाजवाब अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति।।।
ReplyDeleteBahut hee achhe haiku!
ReplyDeleteबहुत उम्दा हाइकू ,सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई,
ReplyDeleteRECENT POST : अभी भी आशा है,
अति सुन्दर..
ReplyDeleteसुन्दर हाइकु
ReplyDeleteतीन लाइनों में गहरा अर्थ समाया ...
ReplyDeleteप्रभावी ...