Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Sunday, December 24, 2017
नवपीढ़ी का इतिहास
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नव पीढी ने रच दिया, यह कैसा इतिहास बूढी सॉंसें काटती, घर में ही वनवास १ दौलत का उन्माद है, मदहोशी में चूर रिशते आँखों मे...
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Thursday, December 7, 2017
जोगन हुई सुगंध
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1 जीवन भर करते रहे, सुख की खातिर काम साँसे पल में छल गयीं, मौत हुई बदनाम 2 माता के आँगन खिला, महका हरसिंगार विगत क्षणो...
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Monday, December 4, 2017
व्यंग्य की घुड़दौड़
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व्यंग्य की घुड़दौड़ नया जमाना, छोड़े पुराना। जी हाँ नित नयी तलाश हमें एक मुकाम पर लेकर जा रही है। नयी ज़माने की हवा, जो आँधी की तरह...
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Monday, October 23, 2017
भूख की घंटी = पेट की कश्मकश
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भूख शब्द का नाम लेते ही आँखों के सामने अनगिनत पकवान तैरने लगते हैं। मुँह में पानी का सैलाब उमड़ने लगता है...
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Thursday, September 7, 2017
व्यंग्य के तत्पुरुष
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व्यंग्य के तत्पुरुष व्यंग्य के नीले आकाश में चमकते हुए सितारे संज्ञा , समास , संधि , विशेषण का विश्लेषण करते हुए नवरस की नयी व्याख्या ...
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Friday, August 18, 2017
कुर्सी की आत्मकथा
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कुर्सी की आत्मकथा -- कुर्सी की माया ही निराली है . कुर्सी से बड़ा कोई ओहदा नहीं है , कुर्सी सिर्फ राजनीति की ही नहीं अ...
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Tuesday, August 15, 2017
नेता जी का भाषण
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गाँव के नवोदित नेता ललिया प्रसाद अपनी जीत के जश्न में सराबोर कुर्सी का बहुत ही आनंद ले रहे थे। कभी सोचा न था सरकारी कुर्सी पर ऐसे ...
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