Sapne (सपने )
हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..
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Thursday, February 22, 2018
भोर सुहानी
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1 भोर सुहानी सुरमयी, पीत वर्ण श्रृंगार हल्दी के थापे लगे, फूलों खिली बहार 2 भोर नर्तकी आ गयी, जगा धूप ग...
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Thursday, February 8, 2018
बिन माँगी सलाह
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बिन माँगी सलाह हमारे देश में कभी भी कहीं भी मिल जाती है। कौन से दो पैसे लगेंगे। वैसे भी लोगों को मुफ्तखोरी की आदत पड़ी हुई है। मुफ्त की...
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Friday, January 26, 2018
हिंदी की चिन्दी
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हिंदी दिवस की तैयारी पूरे जोश - खरोश के साथ की जा रही थी। आजकल हर वस्तु छोटी होती जा रही है। मिनी कपडे। मिनी वस्तुएँ। हर वस्तु छोटी ...
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Friday, January 12, 2018
बदल गए हालात
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अम्बर जितनी ख्वाहिशें,सागर तल सी प्यास छोटी सी यह जिंदगी, न होती उपन्यास 1 पतझर में झरने लगे, ज्यों शाखों से पात ममता जर्जर हो गयी , ...
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Thursday, January 4, 2018
साल नूतन
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साल नूतन आ गया है नव उमंगों को सजाने आस के उम्मीद के फिर बन रहें हैं नव ठिकाने भोर की पहली किरण भी आस मन में है जगाती एक कतरा धूप भ...
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Sunday, December 24, 2017
नवपीढ़ी का इतिहास
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नव पीढी ने रच दिया, यह कैसा इतिहास बूढी सॉंसें काटती, घर में ही वनवास १ दौलत का उन्माद है, मदहोशी में चूर रिशते आँखों मे...
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Thursday, December 7, 2017
जोगन हुई सुगंध
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1 जीवन भर करते रहे, सुख की खातिर काम साँसे पल में छल गयीं, मौत हुई बदनाम 2 माता के आँगन खिला, महका हरसिंगार विगत क्षणो...
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