Sapne (सपने )

हिंदी कविताओं गीतों कहानियों की अभिव्यक्ति, अनुभूति व संवेदनाओं का अनूठा संसार ..

▼
Monday, September 16, 2013

मन के भाव। ….

›
१ मन के भाव शांत उपवन में  पाखी से उड़े . २ उड़े है  पंछी नया जहाँ बसाने नीड़ है खाली। ३ मन की पीर शब्दों की अंगीठी से जन्मे है...
9 comments:
Saturday, September 14, 2013

भारत की पहचान है हिंदी

›
भारत की पहचान है हिंदी हर दिल का सम्मान है हिंदी जन जन की है मोहिनी भाषा समरसता की खान है हिंदी छन्दों के रस में भीगी ,ये गीत गजल ...
14 comments:
Friday, September 13, 2013

अक्स लगा पराया

›
१ मेरा  ही अंश मुझसे ही  कहता मै हूँ तोरी ही छाया जीवन भर मै तो प्रीत निभाऊँ क्षणभंगुर माया। २ जीवन संध्या सिमटे हुए पल फिर त...
6 comments:
Wednesday, September 11, 2013

ये नया जहाँ। .

›
१   पुलकित है खिलखिलाते शिशु हवा के संग। २ बेकरारी सी भर लूँ निगाहों में ये नया जहाँ। ३ मै भी तो चाहूँ एक नया जीवन खिल...
13 comments:
Thursday, September 5, 2013

हृदय की तरंगो ने गीत गाया है। ।

›
हृदय की तरंगो ने गीत गया है खुशियों का पैगाम लिए मनमीत आया है जीवन में बह रही ठंडी हवा सपनो को पंख मिले महकी दुआ मन में उमंगो ...
14 comments:
Friday, August 30, 2013

श्री कृष्ण -- छेड़े गोप वधू

›
१ श्री कृष्ण नाम है आनंद की अनुभूति का, प्रेम के प्रतिक का , ज्ञान के सागर का और जीवन की पूर्णता का। २ श्री कृष्ण ने गीता में  द...
2 comments:
Tuesday, August 27, 2013

कान्हा नजर न आये ………।

›
मनमोहन का जाप जपे है साँस साँस अब मोरी नटखट कान्हा ने गोकुल में कितने स्वाँग रचाये कंकर मारे, मटकी तोड़ी माखन-दही चुर...
10 comments:
Sunday, August 18, 2013

आजादी के बाद कितनी आजादी पायी है। ।?

›
आजादी के बाद कैसी आजादी पायी है लाखों टन अनाज गोदामों में सड़ जाता है फिर जाने कितने भूखों का पेट भर पाता है मोटी चमड़ी के हाथो...
11 comments:
Thursday, August 15, 2013

अब जोश दिलों में भंग न हो.…।

›
जय भारत के  वीर जवानों आजादी  के मस्तानो अब जोश दिलों में भंग न हो। नव भारत में नयी दिशाएं  मिट जाएँ काली निशायें घर घर में फ...
10 comments:
Sunday, August 4, 2013

चम्पा चटकी

›
चम्पा चटकी इधर डाल पर महक उठी अँगनाई । उषाकाल नित धूप तिहारे चम्पा को सहलाए , पवन फागुनी लोरी गाकर फिर ले रही बलाएँ। निंदिया आई अ...
13 comments:
Friday, August 2, 2013

जीवन के ताप सहती

›
जीवन के ताप सहती कैसे असुरी जलती है धूप नित सांझ सवेरे मधुवन में क्षुद्रता के मेघ घनेरे . रातों में चाँद देखे पाँव इंजुरी . भा...
13 comments:
Thursday, August 1, 2013

यूँ बदल गए मौसम।

›
 1 क्यूँ तुम खामोश रहे पहले कौन कहे दोनों ही तड़प सहें । 2 आसान नहीं राहें पग- पग पे  धोखा थामी तेरी बाहें । 3 सतरंगी यह जीवन र...
12 comments:
Saturday, July 27, 2013

सुख की धारा

›
१  सुख की धारा रेत के पन्नो पर पवन लिखे . २  दुःख की धारा अंकित पन्नो पर डूबी जल में -  - २ मन पाखी सा चंचल ये मौसम सावन आय...
15 comments:
Friday, July 26, 2013

मन के तार ...........

›
1 बन जाऊं में शीतल पवन ,तो तपन मिटे   2 बन जाऊं में बहती जल धारा प्यास बुझाऊं 3 दूर हो जाए जहाँन  से अँधेरा दीप जलाऊं 4 तेर...
9 comments:
Monday, July 22, 2013

एक मुक्तक --

›
धरा खिलती है अंबर खिलता है पौधे रोपिये जीवन मिलता है उजियारा फैलता है कण कण में धूप निकली जब सूरज जलता है . - शशि ...
19 comments:
Sunday, July 21, 2013

उड़ गयी फिर नींदे ....!

›
1   था दुःख को तो जलना अब सुख की खातिर   है राहो पर चलना । 2 रिमझिम बदरा आए पुलकित है धरती हिय मचल मचल जाए । .   3 है   ...
10 comments:
Friday, July 19, 2013

प्रकृति और मानव

›
१ जल जीवन प्रकृति औ मानव अटूट रिश्ता २ जगजननी धरती की पुकार  वृक्षारोपण  ३  मानुष काटे धरा का हर अंग मिटते  गाँव . ४ पहाड़ो तक...
23 comments:
Thursday, July 18, 2013

बहता पानी ...!

›
१ बहता पानी विचारो की रवानी हसीं ये जिंदगानी सांझ  बेला में परिवार का साथ संस्कारों की जीत . २ बरसा पानी सुख का आगमन घर संसा...
11 comments:
Tuesday, July 16, 2013

प्रकृति ने दिया है अपना जबाब ,

›
प्रकृति की नैसर्गिक चित्रकारी पर मानव ने खींच दी है विनाशकारी लकीरें, सूखने लगे है जलप्रताप, नदियाँ फिर एक जलजला  सा समुद्र  की ग...
17 comments:
Sunday, July 14, 2013

दर्द कहाँ अल्फाजों में है

›
अश्क आँखों में औ तबस्सुम होठो पे है सूखे गुल  की दास्ताँ अब बंद किताबो में है बीते वक़्त का वो लम्हा कैद मन की यादों में है दिल  में दब...
20 comments:
‹
›
Home
View web version

about me

My photo
shashi purwar
नाम: शशि पुरवार।(100Women’s Achievers Of India ) जन्मतिथि: 22 जून1973ई0।जन्मस्थान: इंदौर,मध्यप्रदेश। शिक्षा: स्नातक-बी.एस-सी.विज्ञान। स्नातकोत्तर- एम.ए.राजनीति,दे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इंदौर) तीन वर्षीय हानर्स डिप्लोमाइन कम्प्यूटर साफ्टवेयरएंडमै नेजमेंटभाषाज्ञान-हिंदी, मराठी, अंग्रेजी सम्प्रति- लेखिका,स्वतंत्रलेखन,स्तंभकार प्रकाशितसाहित्य- १-व्यंग्यकीघुड़दौड़(व्यंग्यसंग्रह) २- धूपआँगनकी -( गद्यएवंपद्यसंपूर्णसाहित्य)३-मनकाचौबारा( काव्यसंग्रह) ४- जोगनीगंध(हाइकुसंग्रह )५- भीड़काहिस्सानही(गीत-नवगीतसंग्रह). अप्रकाशित साहित्य- 1) दोहासंग्रह, 2 ) कहानीसंग्रह, 3) समिक्षासंग्रह, 4) लेखसंग्रह. अनगिनत सम्मानों समेत कुछ - हिंदी विद्यापीठ भागलपुर : 'विद्यावाचस्पति सम्मान' ,* 'मिनिस्ट्री ऑफ़ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट' द्वारा भारत की 100 women's Achievers of India 2016 सम्मान , * महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी के कर कमलों द्वारा सम्मानित - १०० महिला अचीवर्स सम्मान , 'हरिशंकर परसाई स्मृति सम्मान' 2016 , - Best Blogger Of the Month ( 2016 ) contact - shashipurwar@gmail.com
View my complete profile
Powered by Blogger.