भविष्य के संदूक में छुपे हुए अनके
अनंत तोहफे , जिंदगी के .
दिल झूमा , उमंगो ने ली फिर
अंगड़ाई , मीठे सपनो की
महफ़िल नैनों में बारात बन कर आई .
बिता समय , बीती बतिया . दुःख ,कष्ट ,
तकलीफे ,आतंक ,महामारी ,भ्रष्टाचार ,
महंगाई का गरमा है बाजार .
छोड़ो यह तो रोज का है समाचार .
गरीबों का हर दिन , जब भी मिले
काम का मेहनताना ,होता है
खुशियों का छोटा सा खजाना .
छोटे से नीड़ व , नयनो में भरा है,
उम्मीदों और उमंगो का खजाना .
उम्र नहीं होती काम की ,
वक़्त नहीं मिलता बार -बार
हर पल को जिलो , यही देगा यादों
का सुंदर संसार .
नए वर्ष की चमक चहरे पे
ठंडी की भी है बयार ,
सूर्ये की लालिमा ,
चिड़ियों की कलवल
बाहें पसारे सब कर रहे
नव वर्ष का स्वागत .
जीवन हो जाये संगीतमय
फूलों सी महक
सितारों सी चमक ,
खुशियों की बौछार
दिल से दुआ है यही
मिले सभी को
नववर्ष का यही प्यारा सा उपहार .
:- शशि पुरवार