गीत ---
रंगों की सौगात ले,
आई है होली
हर डाली पर खिल उठे
शोख टेसू लाल
प्रेम पुरवा से हुए
सुर्ख-सुर्ख गाल
मैना से तोता करे
प्रेम की बोली.
झूमते हर बाग में
इंद्र्धनुषी फूल
रँग बसंती की उडी
आसमाँ तक धूल
घूमती मस्तानों की
हर गली टोली
बिखरी निर्जन वन में भी
रंगो की घटा
हरिक दिल में बस गई
फागुनी छटा
दूर है रँग भेद से
रंगों की बोली .
आई है होली.........!
13.03.13
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हाइकू ---
1
सपने पाखी
इन्द्रधनुषी रंग
होरी के संग
2
रंग अबीर
फिजा में लहराते
प्रेम के रंग
3
सपने हँसे
उड़ चले गगन
बासंती रंग
4
दहके टेसू
बौराई अमराई
फागुन डोले
5
अनुरक्त मन
गीत फागुनी गाये
रंगों की धुन .
23.03.13 -
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1हवा उडाती
अमराई की जुल्फे
टेसू हुए आवारा
हिय का पंछी
उड़ने को बेताब
रंगों का समां प्यारा .
2
डोले मनवा
ये पागल जियरा
गीत गाये बसंती
हर डाली पे
खिल गए पलाश
भीगी ऋतू सुगंधी .
3
झूमे बगिया
दहके है पलाश
भौरों को ललचाये
कोयल कूके
कुंज गलियन में
पाहुन क्यूँ न आये .
4
झूम रहे है
हर गुलशन में
नए नवेले फूल
हँस रही है
डोलती पुरवाई
रंगों की उड़े धूल .
5
लचकी डाल
यह कैसा कमाल
मधुऋतू है आई
सुर्ख पलाश
मदमाए फागुन
कैरी खूब मुस्काई .
6
जोश औ जश्न
मन में है उमंग
गीत होरी के गाओ
भूलो मलाल
उमंगो का त्यौहार
झूमो जश्न मनाओ .
24.03.13
शशि पुरवार
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आया होली का त्यौहार
सब मिलकर करे धमाल .
मिल जुल कर जश्न मनाये
स्नेह के भजिये ,
तल कर खाए
रंगों से आँगन नहलाये
हुए मुखड़े पीले लाल .
आया होली का त्यौहार .
स्नेही सभी संगी साथी
दूर देश की है पाती
सभी को जोड़ते
दिल के तार ,
सभी पर करो रंगों की बौझार
आया होली का त्यौहार .
बुरा न मानो होली है ,
भंग में पगी ठिठोली है
नहीं तो ,भैया
पड़ जाएगी मार ,
सब मिलकर करे धमाल .
अरे ..... आया होली का त्यौहार
-----शशि पुरवार
22.03.13
ब्लॊगर के पुरे परिवार को और सभी मित्रो ,सखीओं को होली ही हार्दिक शुभकामनाए , यह पल सभी के जीवन में खुशियों के पल लाये . शशि पुरवार
अनुभूति के होली विशेषांक में प्रकाशित होली दोहे इस लिंक पर पढ़िए ,
------------- शशि पुरवार