कहानी ,गीत , गजल, कविता और किताबों की प्रेम अभिव्यक्ति एवं अहसासों से भरी रचनाओं का अनूठा संसार, जहाँ जीवन के हर रंग आपको आपसे ही जोड़ेंगे
Monday, March 18, 2013
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तोड़ती पत्थर
तोड़ती पत्थर वह तोड़ती पत्थर; देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर- वह तोड़ती पत्थर। कोई न छायादार पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार; श्याम त...
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हरियाली है खेत में, अधरों पर मुस्कान रोटी खातिर तन जला, बूँद बूँद हलकान अधरों पर मुस्कान ज्यूँ , नैनों में है गीत रंग गुलाबी फूल के, गंध बिख...
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गेंहू ------- Wheat (disambiguation) गेहूँ लोगो का मुख्य आहार है .खाद्य पदार्थों में गेहूँ का महत्वपूर्ण स्थान है , सभी प्...
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आखिर कब तक दर्द सहेंगी क्यों मरती रहेंगी बेटियाँ अपराधों के बढते साए पन्नों सी बिखरती बेटियाँ कौन बचाएगा बेटी को ...
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बहुत प्यारा संयोजन..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !!!
ReplyDeleteहरसिंगार...
शब्दों से झरे ,दिल में उतरे...
सस्नेह
अनु
बहुत उम्दा सुन्दर प्रस्तुति ,,,,
ReplyDeleteRecent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
बहुत ही सार्थक हाइकू और कविता,आभार.
ReplyDeleteआपकी बेहतरीन रचना कल नयी पुरानी हलचल पर
ReplyDeleteकृपया पधारे......राय दें
सार्थक हाइकू ...
ReplyDeleteहरसिंगार की कल्पना की कविता है अपने आप में ...
सार्थक और
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
बधाई
मनमोहक सुवास..
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