रंग जमाया - छोटी बहर
मन को जिसने
फिर भरमाया
जादू ऐसा
दिल पिघलाया
लगता हमको
प्यारा साया
सखी सहेली
पास बुलाया
महफ़िल में अब
रंग जमाया
हर कोई फिर
दौड़ा आया
-शशि पुरवार
शशि पुरवार Shashipurwar@gmail.com समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रं...
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सुंदर !
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ReplyDeleteआप की लिखी ये रचना....
07/10/2015 को लिंक की जाएगी...
http://www.halchalwith5links.blogspot.com पर....
आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित हैं...
हर कोई फिर
ReplyDeleteदौड़ा आया
सुंदर रचना
ReplyDeleteसुंदर रचना
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