मन को जिसने
फिर भरमाया
फिर भरमाया
जादू ऐसा
दिल पिघलाया
दिल पिघलाया
लगता हमको
प्यारा साया
प्यारा साया
सखी सहेली
पास बुलाया
पास बुलाया
महफ़िल में अब
रंग जमाया
रंग जमाया
हर कोई फिर
दौड़ा आया
दौड़ा आया
-शशि पुरवार
अदद करारी खुशबू शर्मा जी अपने काम में मस्त सुबह सुबह मिठाई की दुकान को साफ़ स्वच्छ करके करीने से सजा रहे थे । दुकान में बनते गरमा गरम...
सुंदर !
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ReplyDeleteआप की लिखी ये रचना....
07/10/2015 को लिंक की जाएगी...
http://www.halchalwith5links.blogspot.com पर....
आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित हैं...
हर कोई फिर
ReplyDeleteदौड़ा आया
सुंदर रचना
ReplyDeleteसुंदर रचना
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