shashi purwar writer

Sunday, February 9, 2020

पनप रहा है प्यार

  फागुन आयो री सखी   फागुनी दिल


मौसम ने पाती लिखी, उड़ा गुलाबी रंग
पात पात फागुन धरे, उत्सव वाले चंग
उत्सव वाले चंग, चटक गुलमोहर फूला
जीवन में आनंद, पड़ा वृक्षों पर झूला
कहती शशि यह सत्य, अनोखा मन में संगम
धरती का उन्माद, धरे मंगलघट मौसम
निखर गया है धूप में, झरा फूल कचनार
गुलमोहर की छाँव में, पनप रहा है प्यार
पनप रहा है प्यार, उमंगें तन मन जागी
नैनों भरा खुमार, हुआ दिल भी अनुरागी
कहती शशि यह सत्य, गंध जीवन में भर गया
खिला प्रेम का फूल, सलोना, मुख निखर गया
शशि पुरवार
(रचना मन के चौबारा संग्रह से )

सामाजिक मीम पर व्यंग्य कहानी अदद करारी खुश्बू

 अदद करारी खुशबू  शर्मा जी अपने काम में मस्त   सुबह सुबह मिठाई की दुकान को साफ़ स्वच्छ करके करीने से सजा रहे थे ।  दुकान में बनते गरमा गरम...

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