ब्लॉग सपने शशि में आप पढ़ेंगे जीवन के रंग अभिव्यक्ति के संग.. प्रेरक कहानियाँ, लेख और साहित्यिक रचनाओं का संसार ।आपका अपना संसार ।
ब्लॉग सपने - जीवन के रंग अभिव्यक्ति के साथ, प्रेरक लेख , कहानियाँ , गीत, गजल , दोहे , छंद
Wednesday, June 8, 2022
तोड़ती पत्थर
तोड़ती पत्थर
वह तोड़ती पत्थर;
देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर-
वह तोड़ती पत्थर।
कोई न छायादार
पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;
श्याम तन, भर बंधा यौवन,
नत नयन, प्रिय-कर्म-रत मन,
गुरु हथौड़ा हाथ,
करती बार-बार प्रहार:-
सामने तरु-मालिका अट्टालिका, प्राकार।
चढ़ रही थी धूप;
गर्मियों के दिन,
दिवा का तमतमाता रूप;
उठी झुलसाती हुई लू
रुई ज्यों जलती हुई भू,
गर्द चिनगीं छा गई,
प्रायः हुई दुपहर :-
वह तोड़ती पत्थर।
देखते देखा मुझे तो एक बार
उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार;
देखकर कोई नहीं,
देखा मुझे उस दृष्टि से
जो मार खा रोई नहीं,
सजा सहज सितार,
सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार।
एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर,
ढुलक माथे से गिरे सीकर,
लीन होते कर्म में फिर ज्यों कहा-
"मैं तोड़ती पत्थर।"
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
Labels:
कविताएँ,
तोड़ती पत्थर,
धरोहर खंड,
निराला,
पत्थर,
पेड़,
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
Subscribe to:
Comments (Atom)
जेन जी का फंडा सेक्स, ड्रिंक और ड्रग
आज की युवा पीढ़ी कहती है - “ हम अपनी शर्तों पर जीना चाहते हैं समय बहुत बदल गया है …. हमारे माता पिता हमें हर वक़्त रोक टोक करते हैं, क्...
https://sapne-shashi.blogspot.com/
-
मेहंदी लगे हाथ कर रहें हैं पिया का इंतजार सात फेरो संग माँगा है उम्र भर का साथ. यूँ मिलें फिर दो अजनबी जैसे नदी के दो किनारो का...
-
साल नूतन आ गया है नव उमंगों को सजाने आस के उम्मीद के फिर बन रहें हैं नव ठिकाने भोर की पहली किरण भी आस मन में है जगाती एक कतरा धूप भी, ...
-
गेंहू ------- Wheat (disambiguation) गेहूँ लोगो का मुख्य आहार है .खाद्य पदार्थों में गेहूँ का महत्वपूर्ण स्थान है , सभी प्...
linkwith
🏆 Shashi Purwar — Honoured as 100 Women Achievers of India | Awarded by Maharashtra Sahitya Academy & MP Sahitya Academy