सपने.... एक ख्वाब ,
मन की गहराईयों में छुपी
हुई हमारी आकांशाएँ .......!
सपने मन की शीतल गहराईयों में
सदैव ही फलते- फूलते रहते है .
सपने,
जो हमारी अपनी धरोहर होते है .
मन की गहराईयों में छुपी
हुई हमारी आकांशाएँ .......!
सपने मन की शीतल गहराईयों में
सदैव ही फलते- फूलते रहते है .
सपने,
जो हमारी अपनी धरोहर होते है .
सपने कभी अपनी उड़ाने भरते है
तो कभी मन की धरती पर ही अपना दम तोड़ देते है .....!
पर फिर भी सपने हमारे अपने होते है ......!
: शशि पुरवार
सपने में आपका स्वागत है
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