shashi purwar writer

Tuesday, June 21, 2011

sapne

सपने.... एक ख्वाब ,

मन की गहराईयों  में छुपी
हुई हमारी आकांशाएँ .......!

सपने मन की शीतल गहराईयों में
सदैव  ही फलते- फूलते रहते है .

सपने,
जो हमारी अपनी धरोहर  होते  है .
सपने   कभी  अपनी  उड़ाने  भरते  है 
तो कभी  मन  की  धरती   पर   ही    अपना  दम   तोड़   देते   है .....!
पर  फिर  भी   सपने   हमारे   अपने   होते   है ......! 
                         
                                                         : शशि पुरवार
 सपने में आपका स्वागत है
 





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