Friday, October 18, 2013

गजल -- फिर हर काम से पहले

जतन करना पड़ेगा आज ,फिर हर काम से पहले
खिलेंगे फूल राहों में  , तभी इलहाम से पहले

कभी तो दिन भी बदलेंगे  ,मिलेंगी सुख भरी रातें
दुखों का अंत होगा फिर सुरीली शाम से पहले

बिना मांगे नहीं मिलती ,कभी कोई ख़ुशी पल में
जरा दिल की सभी बातें ,लिखो कुहराम से पहले

बढ़ो फिर आज जीवन में ,मुझे मत याद करना तुम
कभी पहचान भी होगी ,मेरे उपनाम से पहले

वफ़ा मैंने निभाई है ,तुम्हारे साथ हर पल ,पर
तुम्हारा नाम ही आएगा ,मेरे नाम से पहले।

--- 28 /9 /2013
 शशि पुरवार

10 comments:

  1. आपकी लिखी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी .........
    शनिवार 19/10/2013 को
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    में आपकी प्रतीक्षा करूँगी.... आइएगा न....
    धन्यवाद!

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  2. बिना मांगे नहीं मिलती ,कभी कोई ख़ुशी पल में
    जरा दिल की सभी बातें ,लिखो कुहराम से पहले,,,

    बेहतरीन सुंदर गजल !

    RECENT POST : - एक जबाब माँगा था.

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (19-10-2013) "शरदपूर्णिमा आ गयी" (चर्चा मंचःअंक-1403) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. बेहद उम्दा प्रस्तुति |

    मेरी नई रचना:- "झारखण्ड की सैर"

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  5. वफ़ा मैंने निभाई है ,तुम्हारे साथ हर पल ,पर
    तुम्हारा नाम ही आएगा ,मेरे नाम से पहले।
    एक से बढ़के एक अशआर। बढ़िया गजल। रूप में भी अर्थ में भी।

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  6. बहुत बढ़िया ग़ज़ल....
    दाद कबूल करें..

    अनु

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  7. बिना मांगे नहीं मिलती ,कभी कोई ख़ुशी पल में
    जरा दिल की सभी बातें लिखो, कुहराम से पहले

    बहुत बढिया गज़ल।

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  8. bahut bahut dhanyavad aap sabhi bloggra parivaar ka , asha ji , mayank ji , pradeep ji , anu ji , dheerendra , yashoda , kaliprasad ji , abhaar anmol shabdo se sneh pradaan karne hetu .

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  9. कभी तो दिन भी बदलेंगे ,मिलेंगी सुख भरी रातें
    दुखों का अंत होगा फिर सुरीली शाम से पहले-----

    जीवन को प्रेम के रंगों से रंगती सुंदर गजल
    बहुत खूब

    बधाई

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