नमस्कार मित्रों , आज आपके लिए चित्र मय हाइकु -- शशि पुरवार
Sunday, July 5, 2015
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समीक्षा -- है न -
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सुंदर !
ReplyDeleteसुन्दर हैं सभी हाइकू ... सजीव चित्र से ...
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (06-07-2015) को "दुश्मनी को भूल कर रिश्ते बनाना सीखिए" (चर्चा अंक- 2028) (चर्चा अंक- 2028) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
प्यारे प्यारे हाइकू।
ReplyDeleteसभी हाइकू जीवन्त हैं .
ReplyDeleteaap sabhi ka hardik abhar sneh banayen rakhen
ReplyDeleteसभ हायकू एक से बढ़कर एक है. बहुत सुंदर प्रस्तुती.
ReplyDeleteसूंदर
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