फागुन की मनुहार सखी री
गंध पत्र ऋतुओं ने बाँटे
उपवन पड़ा हिंडोला
चटक नशीले टेसू ने फिर
प्रेम रंग है घोला
गंध पत्र ऋतुओं ने बाँटे
मादक सी पुरवाई
पतझर बीता, लगी उमड़ने
मौसम की अंगड़ाई
छैल छबीले रंग फाग के
मन भी मेरा डोला
चटक नशीले टेसू ने फिर
प्रेम रंग है घोला।
राग बसंती,चंग बजाओ
उमंगो की पिचकारी
धरती से अम्बर तक गूंजे
खुशियों की किलकारी
अनुबंधों का प्रणय निवेदन
फागुन का हथगोला
अनुबंधों का प्रणय निवेदन
फागुन का हथगोला
चटक नशीले टेसू ने फिर
प्रेम रंग है घोला।
मनमोहक रंगो से खेलें
खूनी ना हो होली
द्वेष मिटाकर जश्न मनाओ
भीगी चुनरी चोली
चंचल हिरणी के नैनो में
सुख का उड़न खटोला
चटक नशीले टेसू ने फिर
प्रेम रंग है घोला
बहुत सुंदर रचना....आप को होली की शुभकामनाएं...
ReplyDeleteआपका हार्दिक धन्यवाद आपको और आपके पूरे परिवार होली के पावन पर्व व रंगो उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐🌹🙏
Deleteसुन्दर रचना। होली की शुभकामनाएंं।
ReplyDeleteआपका हार्दिक धन्यवाद आपको और आपके पूरे परिवार होली के पावन पर्व व रंगो उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐🌹🙏
Deleteवाहह्हह.. अति सराहनीय मनमोहक रचना..👌👌👌
ReplyDeleteरंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपका हार्दिक धन्यवाद आपको और आपके पूरे परिवार होली के पावन पर्व व रंगो उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐🌹🙏
Deleteआपने काफी बढ़िया पोस्ट लिखी है आप एक बार हमारे ब्लॉग पर भी विजिट करें online hindi book
ReplyDeleteKya Hai Kaise
आपका हार्दिक धन्यवाद आपको और आपके पूरे परिवार होली के पावन पर्व व रंगो उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐🌹🙏
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (23-03-2019) को "गीत खुशी के गाते हैं" (चर्चा अंक-3283) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका हार्दिक धन्यवाद आपको और आपके पूरे परिवार होली के पावन पर्व व रंगो उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐🌹🙏
Deleteआपकी लिखी रचना "मुखरित मौन में" आज शनिवार 23 मार्च 2019 को साझा की गई है......... मुखरित मौन पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर¡¡
ReplyDeleteशृंगार और फाग में रची प्राकृतिक सौंदर्य को सहेजे सुंदर रचना।
प्रेम-सद्भाव के सन्देश के साथ बहुत सुन्दर, सजीव, फागुन-गीत शशि जी !
ReplyDeleteसुन्दर व मनभावन
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
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