दूध मलाई जब डले स्वाद अमृत बन जाए
कुल्लड़ वाली चाय की, सोंधी सोंधी गंध
और इलाइची साथ में,पीने का आनंद
बांचे पाती प्रेम की, दिल में है तूफान
नेह निमंत्रण चाय का, महक रहे अरमान
कागज कलम दवात हो और साथ में चाय
स्फूर्ति तन मन भरे, भाव खिले मुस्काय
गप्पों का बाजार है मित्र मंडली संग
चाय पकौड़े के बिना, फीके सारे रंग
मौसम सैलानी हुए रोज बदलते गांव
बस्ती बस्ती चाय की, टपरी वाली छांव
सुबह सवेरे लान मे, बाँच रहे अखबार
गर्म चुस्की चाय की,खबरों का दरबार
मित्र,पड़ोसी,नाते सभी, जूही जैसी शाम
स्वागत करते चाय से, घर आए मेहमान
अदरक तुलसी लाइची,और पुदीना भाय
बिना दूध की चाय है,गुण, औषध बन जाय
घर घर से उड़ने लगी, सुबह चाय की गंध
उठो सवेरे काम पर,जीने की सौगंध
चाहे महलों की सुबह, या गरीब की शाम
सबके घर हँसकर मिली,चाय नहीं बदनाम
थक कर सुस्ताते पथिक, या बैठे मजदूर
हलक उतारी चाय ही, तंद्रा करती दूर
चाय न देखे जाति धर्म, देख रहा संसार
टपरी होटल हर गली, मिलती सागर पार
एक नशा यह चाय भी,तलब करें हलकान
अलग-अलग स्वाद फिर, फूँकें तन में जान
घी चुपड़ी, रोटी, नमक, और साथ में चाय
जीरावन छिड़को जरा, स्वाद, अमृत, मन भाय
कुहरे में लिपटी हुई छनकर आयी भोर
नुक्कड़ पर मचने लगा, गर्म चाय का शोर
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 11 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (12-08-2020) को "श्री कृष्ण जन्माष्टमी-आ जाओ गोपाल" (चर्चा अंक-3791) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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योगिराज श्री कृष्ण जन्माष्टमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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सुन्दर रचना
ReplyDeleteअच्छी रचना । सराहनीय प्रस्तुति। आभार ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर -पुष्पा मेहरा
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteशशि जी चाय पर आपकी ये रचना तो बहुत ही सुन्दर है... बस जरा इसकी फॉर्मैटिंग थोड़ा मेहनत मांग रही है... यानी कुछ ऐसा कीजिये कि पंक्तियों के बीच जगह समान रहे... मामला थोड़ा तकनीकी है पर प्रयास करेंगी तो हो जायेगा...
ReplyDeleteबहुत सुंदर,
ReplyDeleteNice Post :-👉 Beauty Khan Whatsapp Number
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