ब्लॉग सपने - जीवन के रंग अभिव्यक्ति के साथ, प्रेरक लेख , कहानियाँ , गीत, गजल , दोहे , छंद

Tuesday, July 26, 2011

" अलविदा "......



"वह  कौन   खड़ा   है 
 बार  - बार  मुस्कुरा   रहा  है 
 इशारो   से   वह  बुला  रहा   है 
 कितना अच्छा   लग  रहा  है ,
 उसकी  ये   अदाएं  तो 
सबके  मन  पर  छा  जाएँ 
 उसकी  वो  प्यार   भरी  नजरे 
 उसका  खिलखिला  कर  हँसना
 ये  अदाएं  तो  दिल   में  बस  जाएँ ....
वह  तो  चिंता से  परे   खड़ा है  ,
 कौन  है  वह ..?  कौन  है ....?
     नहीं  - नहीं .....
 ये  वह   नहीं ..
 यह   और   कोई  नहीं   ,  वही   है ....
 वही  है   ये  तो  ..... वही   है ........!
  यही  तो  है  मेरा   बचपन  
  अलविदा   बचपन   " अलविदा   "
                                                  :-  शशि  पुरवार
                 

यह  कविता  समाचार  पत्रों  और  पत्रिकाओ  में  प्रकाशित  हो  चुकी  है .

4 comments:

  1. बेहद खूबसूरत शब्द और उतनी ही खूबसूरत कविता.....बहुत अच्छा लगा आपका ब्लॉग और खासकर आपकी कविता पढके..

    ReplyDelete
  2. संजय जी ,

    आपका बहुत- बहुत धन्यवाद .

    ReplyDelete
  3. आपने बहुत खूबसूरती से बचपन को प्रकट किया है अपनी कविता मे ... ऐसे ही लिखती रहे इंतजार रहेगा , शुभकामनाए

    ReplyDelete

आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए अनमोल है। हमें अपने विचारों से अवगत कराएं। सविनय निवेदन है --शशि पुरवार

आपके ब्लॉग तक आने के लिए कृपया अपने ब्लॉग का लिंक भी साथ में पोस्ट करें
.



जेन जी का फंडा सेक्स, ड्रिंक और ड्रग

    आज की युवा पीढ़ी कहती है - “ हम अपनी शर्तों पर जीना चाहते हैं समय बहुत बदल गया है   ….  हमारे माता पिता हमें हर वक़्त रोक टोक करते हैं, क्...

https://sapne-shashi.blogspot.com/

linkwith

🏆 Shashi Purwar — Honoured as 100 Women Achievers of India | Awarded by Maharashtra Sahitya Academy & MP Sahitya Academy