खामोश रहे जहर पी कर
तमाशा नही किया .
तमाशा नही किया .
सबकी नजरो में रहे, खुले
ख़त की तरह .
ख़त की तरह .
हमने लोगो से भरम करके ,
दिखावा नही किया .
दिखावा नही किया .
जो भी मिलता है देता इक फरेब ,
एक हम है ,
किसी से भी धोखा नही किया .
जख्म जो दिल को मिला ,
फूल समझा उसको
इन बहारो से कोई ,
तकाजा नही किया.
कह गया कौन,
मेरे दुःख की कहानी .
मैंने तो इस बात का ,
चर्चा नही किया .
:- शशि पुरवार
किसी से भी धोखा नही किया .
जख्म जो दिल को मिला ,
फूल समझा उसको
इन बहारो से कोई ,
तकाजा नही किया.
कह गया कौन,
मेरे दुःख की कहानी .
मैंने तो इस बात का ,
चर्चा नही किया .
:- शशि पुरवार
कह गया कौन,
ReplyDeleteमेरे दुःख की कहानी
मैंने तो इस बात का ,
चर्चा न किया .
kyaa baat hai ,der se hee sahee ,teer pooree taakat se chalayaa hai
कह गया कौन,
ReplyDeleteमेरे दुःख की कहानी
मैंने तो इस बात का ,
चर्चा न किया .
खुबसूरत अहसासों को लफ़्ज दे दिए बहुत खूब .....
आपका सभी का बहुत शुक्रिया ,
ReplyDeletebhaut hi sundar abhivaykti...
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